Kalashtami Aarti : कष्टों को निवारण के लिए कालाष्टमी के दिन करें काल भैरव देव की आरती

Last Updated 03 Oct 2023 12:17:40 PM IST

शिवपुराण में कालभैरव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप करना फलदायी माना गया है।


Kalashtami Aarti

Kalashtami Aarti And Mantra - कालाष्टमी के दिन काल भैरव देव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा पापियों को दंड देते हैं इसलिए ही इसे भैरव बाबा की दंडापानी भी कहा जाता है। कालाष्टमी हर महीने में पड़ती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस महीने में कालाष्टमी 6 अक्टूबर 2023 को है।  आइए पढ़ते हैं कालाष्टमी व्रत की आरती और मंत्र  

कालाष्टमी व्रत मंत्र
शिवपुराण में कालभैरव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप करना फलदायी माना गया है।

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

आरती श्री भैरव बाबा की
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
 
तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
 
वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।
 
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।
चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।
 
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।
 
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।
बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।
 
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।
कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।

कालाष्टमी व्रत अन्य मंत्र
ओम भयहरणं च भैरव:।
ओम कालभैरवाय नम:।

ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
ओम भ्रं कालभैरवाय फट्।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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