भाग्य का महत्त्व
जो लोग भाग्य में विश्वास रखते हैं, उसके सहारे रहते हैं, वे हमेशा तारों, ग्रहों, स्थानों की तरफ देखते रहते हैं।
सद्गुरु |
यहां तक कि वे भाग्यशाली जूतों, भाग्यशाली साबुन, भाग्यशाली नंबर तथा इसी तरह की चीजों को ढूंढते रहते हैं। भाग्य के सहारे आगे बढ़ने की चाह में वे उन चीजों को भी खो देते हैं, जो वे खुद आराम से कर सकते थे। आप की शांति या अशांति, आप की स्वस्थ मानसिकता या आप का पागलपन, आप की खुशी या आप का दुख, आप के अंदर भगवान या शैतान, ये सब आप का काम है, आपका किया धरा है। आज सुबह से शाम तक आपने कैसा अनुभव किया, यह आप पर निर्भर करता है। अपने आसपास के लोगों के साथ आप का कितना टकराव है, यह सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने आसपास के लोगों और परिस्थितियों को तथा उनकी सीमाओं और संभावनाओं को समझने में कितने असंवेदनशील रहे।
यह इस बात से बिल्कुल भी तय नहीं होता कि आप कौन सा भाग्यशाली पत्थर या तावीज पहने हुए थे। यह सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी संवेदनशीलता, बुद्धिमत्ता और जागरूकता के साथ अपने आसपास के जीवन को देखते हैं, काम करते हैं और रहते हैं। एक दिन दो इंसान हवाई अड्डे पर मिले। उनमें से एक बहुत ही ज्यादा दुखी, परेशान दिख रहा था। दूसरे ने पूछा, ‘आप को क्या हुआ है?’ पहला बोला, ‘क्या-क्या बताऊं? मेरी पहली पत्नी कैंसर से मर गई, दूसरी पड़ोसी के साथ भाग गई, बेटा जेल में है क्योंकि उसने मुझे जान से मारने की कोशिश की, मेरी 14 साल की बेटी गर्भवती है, मेरे घर पर बिजली गिर पड़ी, शेयर बाजार में आज मेरे सारे शेयर्स के भाव गिर गए और आज मेरी मेडिकल रिपोर्ट आई है, जिससे पता चला है कि मुझे एड्स है।’
दूसरा बोला, ‘ओह, आप का भाग्य कितना खराब है! वैसे आप काम क्या करते हैं?’ पहले ने जवाब दिया, ‘मैं लकी चार्म बेचता हूं’! बात यह है कि यदि आप एक खास तरह के हैं तो एक खास तरह की चीजें आप की ओर आकर्षित होंगीं। अगर आप किसी दूसरी तरह के हैं तो फिर कुछ और तरह की चीजें आप के लिए होंगी। अगर किसी स्थान पर एक फूलों वाली झाड़ी है और एक कंटीली, सूखी झाड़ी है तो सभी मधुमक्खियां फूलों वाली झाड़ी की ओर जाएंगी।
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