रिश्ता
हम अपने जीवन में कदम-कदम पर कई तरह के रिश्ते बनाते रहते हैं, लेकिन हम हर रिश्ते को खबसूरत नहीं बना पाते। आखिर क्या करें उन्हें खूबसूरत बनाने के लिए?
सद्गुरु |
जीवन में आप कई तरह के रिश्ते बनाते व निभाते हैं। पड़ोसी, दोस्त, पत्नी, पति, बच्चे, माता-पिता, बहन-भाई, प्रेमी और एक-दूसरे से नफरत करने वाले भी होते हैं, ये सब रिश्ते हैं। मूल रूप से, आपके जीवन में ये सभी रिश्ते इसलिए हैं क्योंकि आपको कुछ जरूरतें पूरी करनी हैं-शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, आर्थिक आदि। आप अपनी जरूरत के अनुसार एक निश्चित संबंध बनाने की कोशिश करते हैं। अगर वह जरूरत पूरी नहीं होती, तो वह संबंध भी नहीं बन सकता।
एक ऐसे अनुभव के साथ जीने का तरीका भी मौजूद है, जिसमें आप रिश्तों के बिना भी जी सकते हैं। एक व्यक्ति भीतर से इतना पूरा हो कि उसे दूसरे के होने या न होने से अंतर न पड़े। पर इस समय ज्यादातर लोगों के लिए उनके संबंधों की गुणवत्ता ही उनके जीवन की गुणवत्ता को तय करती है। इसलिए यह देखना जरूरी है कि कहीं भी, कभी भी हम अपने रिश्तों को खूबसूरत कैसे बना सकते हैं। आप बात को इस तरह से समझें-कि आप कई तरह के रिश्ते जोड़कर खुद को खुश करना चाह रहे हैं। आप दोस्त बनाते हैं, आप विवाह करते हैं, संतान पैदा करते हैं, आप कारोबार शुरू करते हैं-क्योंकि आपको लगता है कि कहीं-न-कहीं ऐसा करने से आपको खुशी मिलेगी। आपने खुशी पाने की चाह में ही ये सारे रिश्ते जोड़े हैं।
दूसरे शब्दों में, आप दूसरे लोगों से अपने लिए खुशी निचोड़ना चाहते हैं। जब आप ऐसा करने लगते हैं तो आपके रिश्ते हमेशा के लिए समस्या बन जाते हैं। आप उसके बिना रह नहीं सकते, और आप उसके साथ भी नहीं रह सकते। आपके भीतर खुशी का भाव ही नहीं है, और आप इसे दूसरे से पाना चाह रहे हैं और वह इंसान इसे आपसे पाना चाह रहा है। तब तो यह पक्के तौर पर एक जंग बन जाएगी। अगर संबंध को सही मायने में सुंदर बनाना है तो यह जरूरी हो जाता है कि इंसान किसी दूसरे को देखने से पहले, अपने भीतर देखे। अगर आप खुद ही आनंद का सोत होंगे और आपका संबंध भी उस आनंद को बांटने के लिए होगा, न कि किसी से आनंद निचोड़ने के बारे में-तब दूसरों के साथ आपके संबंध अद्भुत होंगे।
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