जीवन डगर

Last Updated 22 Jul 2020 02:01:47 AM IST

यह समझना चाहिए कि अगर कोई चीज काम नहीं कर रही तो जाहिर सी बात है कि उस काम को ठीक ढंग से नहीं किया गया होगा।


सद्गुरु

हो सकता है कि उस काम के ठीक से न हो पाने की वजह फिलहाल आप नहीं समझ पा रहे हों-यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, लेकिन लोग काम न होने पर इसके लिए गूढ़ शक्तियों की तरफ देखने लगते हैं।

बहुत सारे लोगों के लिए मिस्टिसिजम यानी रहस्यवाद का मतलब है-अपने जीवन की सरल और सहज चीजों को जटिल बना देना, जबकि वास्तव में रहस्यवाद का मतलब है कि ऐसी सारी रहस्यवादी चीजें, जिन्हें आप अपनी पांचों इंद्रियों के जरिए महसूस नहीं कर सकते या फिर आप अपने बुनियादी तर्क से उन तक नहीं पहुंच सकते, उन्हें ठीक-ठाक तार्किक तरीके से उपलब्ध कराना ही रहस्यवाद है। सरल चीजों को और गूढ़ बना देना किसी भी तरह का रहस्यवाद नहीं है।

तो आपको यह जानने की जरूरत है कि अगर आप जो भी काम करते हैं, उसमें समस्या आती है, तो जाहिर सी बात है कि आप एक सैंडपेपर यानी रेगमाल की तरह हैं। आप जानते हैं न कि सैंडपेपर क्या होता है? जब भी आपका किसी से टकराव हो, आप सैंडपेपर से अपनी त्वचा को कहीं घिस लें। ऐसे में अगर आप जल्दी ही अपने को नहीं सुधारते, तो फिर एक समय के बाद आपके शरीर में कहीं त्वचा बचेगी ही नहीं। जब आपके बदन पर त्वचा नहीं रहेगी, तो फिर आप किसी चीज से नहीं  उलझेंगे। मान लीजिए कि आपके बदन पर त्वचा नहीं है तो फिर आप कैसे चलेंगे?

इतना संभल कर चलेंगे कि किसी पक्षी का एक छोटा सा पंख भी आपको न छू दे, क्योंकि तब आपको हर चीज चोट पहुंचाएगी। घर्षण को कम करने के लिए एक आसान सी चीज आप कर सकते हैं, जो मैं कई बार पहले भी बता चुका हूं, लेकिन आप लोग इस पर ध्यान नहीं देते। यह आसान सी चीज है कि आप पूरे एक दिन में, एक घंटे में या एक मिनट में जो कुछ भी बोलते हैं, उसे पचास प्रतिशत तक कम कर दें। आप देखेंगे आपकी समस्याएं कम हो जाएंगी। उसकी वजह सिर्फ  इतनी है कि अब आप उतनी बक-बक नहीं करते। और हम लोग लगातार आपको समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आप जो कुछ भी देखें, चाहे स्त्री हो या पुरु ष, गाय हो या गधा आप हर एक को नमस्कार करें।



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