युवा मन
यह बात ही झूठ है कि भारत का जवान राह खो बैठा है।
![]() आचार्य रजनीश ओशो |
भारत का जवान राह नहीं खो बैठा है, भारत की पूरी पीढ़ी की राह अचानक आकर व्यर्थ हो गई है, और आगे कोई राह नहीं है। एक रास्ते पर हम जाते हैं और फिर रास्ता खत्म हो जाता है, और खड्ड आ जाता है। आज तक हमने जिसे रास्ता समझा था वह अचानक समाप्त हो गया है, और आगे कोई रास्ता नहीं है। और रास्ता न हो तो खोने के सिवाय मार्ग क्या रह जाएगा? भारत का जवान नहीं खो गया है, भारत ने अब तक जो रास्ता निर्मिंत किया था, इस सदी में आकर हमें पता चला है कि वह रास्ता है नहीं। इसलिए हम बेराह खड़े हो गए हैं। रास्ता तो तब खोया जाता है जब रास्ता हो और कोई रास्ते से भटक जाए।
जब रास्ता ही न बचा हो तो किसी को भटकने के लिए जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता। जवान को रास्ते पर नहीं लाना है, रास्ता बनाना है। रास्ता नहीं है आज। और रास्ता बन जाए तो जवान सदा रास्ते पर आने को तैयार है, हमेशा तैयार है। क्योंकि जीना है उसे, रास्ते से भटक कर जी थोड़े सकेगा! बूढ़े रास्ते से भटके, तो भटक सकते हैं। क्योंकि अब उन्हें जीना नहीं है। लेकिन जिसे जीना है, वह भटक नहीं सकता। भटकना मजबूरी है उसकी। जीना है तो रास्ते पर होना पड़ेगा, क्योंकि भटके हुए रास्ते जिंदगी की मंजिल तक नहीं ले जा सकते हैं।
जिंदगी की मंजिल तक पहुंचने के लिए ठीक रास्ता चाहिए, लेकिन रास्ता नहीं है। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि युवक नहीं भटक गया है, हमने जो रास्ता बनाया था वह रास्ता ही विलीन हो गया; वह रास्ता ही नहीं है अब। आगे कोई रास्ता ही नहीं है। और अगर हम युवक वर्ग को ही गाली दिए जाएंगे कि तुम भटक गए हो, तो वह हम पर सिर्फ क्रुद्ध हो सकता है क्योंकि उसे कोई रास्ता दिखाई नहीं पड़ रहा है और आप कहते हैं भटक गए हो। हमने एक रास्ता बनाया था। वह रास्ता ऐसा था कि उसका व्यर्थ हो जाना अनिवार्य था।
पहली तो बात यह है: हमने पृथ्वी पर चलने लायक रास्ता कभी नहीं बनाया। हमने रास्ता बनाया था, जैसे बेबीलोन में टॉवर बनाया था कुछ लोगों ने स्वर्ग जाने के लिए। वह जमीन पर नहीं जाता था, वह ऊपर आकाश की तरफ जा रहा था। स्वर्ग पहुंचने के लिए कुछ लोगों ने एक टॉवर बनाया था। हिंदुस्तान ने पांच हजार सालों में जमीन पर चलने लायक रास्ता नहीं बनाया, स्वर्ग पर पहुंचने के रास्ते खोजे हैं। स्वर्ग पर पहुंचने के रास्ते खोजने में हम पृथ्वी पर रास्ते बनाने भूल गए हैं।
Tweet![]() |