श्रद्धा

Last Updated 23 Dec 2019 02:58:03 AM IST

अब एक और नई बात शुरू करते हैं। नई बात यह है कि यह मिशन हमने कितने परिश्रम से बनाया?


श्रीराम शर्मा आचार्य

कितना विस्तार इसका हो गया, कितना फैल गया, कितना खुल गया? कितना विस्तार होता जाता है? आप सुनते रहते हैं न, हजार कुण्ड के यज्ञीय समाचार आपको मिलते हैं। आपको 2400 शक्तिपीठों की स्थापना की बात मिलती है। इस साल जो युग-निर्माण सम्मेलन हुए है उन सम्मेलनों की बात याद है। यहां तक कि शिविर चलते हैं उनकी बात याद है।

गवर्नमेंट के कितने शिविरों को हम चलाते हैं, इसकी बात याद है। यहां की फिल्म स्टूडियो, टीवी स्टूडियो, फिल्म चलाने वाले हैं-यह सब बातें आपको याद हैं। बहुत बड़ा काम है। बहुत बड़ी योजना है। इस काम को हमने आरम्भ किया, लेकिन अब यह जिम्मेदारी हम आपके सुपुर्द करते हैं। आपमें से हर आदमी को हम यह काम सौंपते हैं कि आप हमारे बच्चे के तरीके से हमारी दुकान चलाइए, बंद मत होने दीजिए।

हम तो अपनी विदाई ले जाएंगे, लेकिन जिम्मेदारी आपके पास आएगी। आप कपूत निकलेंगे तो, फिर आदमी आपकी बहुत निंदा करेगा और हमारी बहुत निंदा करेगा। कबीर का बच्चा ऐसा हुआ था जो कबीर के रास्ते पर चलता नहीं था, तो सारी दुनिया ने उससे यह कहा-‘बूढ़ा वंश कबीर का, उपजा पूत कमाल।’ आपको कमाल कहा जाएगा और कहा जाएगा कि कबीर तो अच्छे आदमी थे, लेकिन उनकी संतानें दो कौड़ी की भी नहीं हैं। आपको दो कौड़ी की संतानें पैदा नहीं करना है। आपको इस कार्य का विस्तार करना है। जो काम हम करते रहे हैं, वह अकेले हमने नहीं किया। मिल-जुल करके ढेरों आदमियों के सहयोग से किया है और यह सहयोग हमने प्यार से खींचे हैं, समझा करके खींचे हैं, आत्मीयता के आधार पर खींचे हैं।

ये गुण आपके भीतर पैदा हो जाएं तो जो आदमी आपके साथ-साथ काम करते रहते हैं, उनको भी मजबूत बनाए रहेंगे और नये आदमी जिनकी कि इससे आगे भी आवश्यकता पड़ेगी। अभी ढेरों आदमियों की आवश्यकता पड़ेगी। आपको संकल्प का नाम याद है न-‘नया युग लाने का संकल्प। ‘नया युग लाने का संकल्प दो आदमियों का काम है, चार आदमियों का काम है, हजारों आदमियों का काम है। जो काम हमने अपने जीवन में किया है, वही काम आपको करना है। नये आदमियों को बुलाने का भी आपका काम है।



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