जागरूकता, जग्गी वासुदेव, धर्म, धार्मिक लेख
जागरूकता के साथ अपने अंदर जीवन के उस भाग तक पहुंच पाना, उस जानकारी और ज्ञान तक सचेत होकर पहुंचने से आप ऐसी ऊंचाई को छू सकते हैं, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की है।
जग्गी वासुदेव |
मैं कहूंगा कि आप खास तरह की गतिविधि करते हैं, जैसे कि आजकल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो काम 30 दिन में करते हैं, क्रिया शुरू करने के 6 महीनों के अंदर, वे उसी काम को एकदम सहजता से, बिना कोई खास प्रयत्न किए, बहुत ही कम समय में कर सकेंगे। दुनिया में काम करने की आप की योग्यता जबरदस्त रूप से बेहतर हो जाती है, लगभग सुपर मानव जैसी। शारीरिक और मानसिक रूप से, आप की यह बढ़ी हुई योग्यता लोगों की भीड़ में भी आप को अलग खड़ा कर देगी।
शारीरिक लाभ, स्वास्थ्य संबंधी लाभ, मानसिक क्षमताएं बढ़ना, जीवन को सुगमता से चला पाना आदि इसके मुख्य लाभ नहीं हैं। जो असली चीज है, वो धीरे-धीरे विकसित होती है। यह ऐसा है जैसे आपने अपने घर में फूलों का पौधा लगाया है। जैसे-जैसे वो बढ़ता है, आप को बस पत्तियां आती दिखती हैं, फूल नहीं। आप का पड़ोसी कहता है, ‘ये बेकार है। आप कह रहे थे कि इसमें फूल आएंगे पर इसमें तो सिर्फ पत्तियां आ रही हैं। बेहतर होगा कि इसे काट डालो और जलाने के काम में ले लो’। आपने कहा, ‘हो सकता है, कल सुबह कुछ हो जाए’।
फिर अगली सुबह कुछ नहीं होता। आप और प्रतीक्षा करते हैं..धीरे-धीरे पूरा साल निकल जाता है, और कई साल। आपको यह पता न होता कि इस पेड़ में फूल आने में कितना समय लगेगा तो आपने इसे अब तक सैकड़ों बार कटवा दिया होता। लेकिन आप इसका पोषण करते रहे तो एक दिन, जब इसमें फूल लगेंगे तब यह अपनी पूरी बहार में होगा, तब ही आप समझेंगे कि इस पेड़ में पत्तियां महत्त्व की नहीं थीं, इसकी छाया का भी कोई खास महत्त्व नहीं था, इसका ऑक्सीजन देना भी उतनी महत्त्व की बात न थी। असली चीज थी ये फूल-आखिरकार, इसमें फूल आ गए और यह अतुलनीय रूप से सुंदर हो गया।
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