सप्तम नवदुर्गा: आज मां कालरात्रि की पूजा

Last Updated 27 Sep 2017 10:17:32 AM IST

कालरात्रि मां दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं. दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है.


आज मां कालरात्रि की पूजा

इनके शरीर का रंग घने अन्धकार की तरह एकदम काला है. सिर के बाल बिखरे हुए हैं. गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है. इनके तीन नेत्र हैं. ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के सदृश गोल हैं.

इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें नि:सृत होती रहती हैं. इनकी नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती हैं. इनका वाहन गर्दभ-गदहा है. ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं. दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है. बायीं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है.

मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यन्त भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं. इसी कारण इनका एक नाम ‘शुभंकरी’ भी है. 

दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है. इस दिन साधक का मन ‘सहस्रर’ चक्र में स्थित रहता है. उसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है.

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कालरात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है. या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे पाप से मुक्ति प्रदान कर.

ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः

समयलाइव न्यूज


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