विश्वास
लोगों को जिन चीजों की जानकारी नहीं होती, उसके बारे में कल्पना कर लेना उनकी मजबूरी होती है. आम तौर पर लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैं उनके ईश्वर को छीन रहा हूं.
धर्माचार्य जग्गी वासुदेव |
एक शहर में दो छोटे लड़के थे, जो जोश से भरपूर थे. अगर युवा लड़के जोश से भरपूर हों तो वे अकसर मुसीबत में पड़ते रहते हैं. तो वे भी अपने आस-पड़ोस में मुसीबत का सामना करते रहते थे.
उनके माता-पिता इस बात को लेकर बहुत चिंता में थे कि उनके लड़के हमेशा मुसीबत में होते हैं. पूरे पड़ोस में उनकी चर्चा होती रहती थी. जब उनके मां-बाप को समझ नहीं आया कि वे क्या करें, तो एक दिन उन्होंने लड़कों को सुधारने के लिए वहां के पादरी के पास उन्हें ले जाने का फैसला किया. उन्होंने छोटे वाले को पहले ले जाने का फैसला किया क्योंकि उसे सुधारना थोड़ा आसान था. वे उसे लेकर पादरी के पास गए. लड़के को वहां बिठा कर उसके माता-पिता चले गए. पादरी आया और सोचने लगा कि इस लड़के को शरारत से दूर कैसे ले जाया जाए? उसके दिमाग में एक ख्याल आया.
पादरी ने सोचा कि अगर वह उस लड़के को याद दिलाए कि ईश्वर उसके अंदर ही है, तो वह शरारत करना छोड़ देगा. अपको पता ही है कि कुछ लोग हमेशा उम्मीद रखते हैं. जीवन हमेशा मूर्खतापूर्ण उम्मीदों पर चलती है. तो उसने अचानक लड़के की ओर देखकर पूछा ‘ईश्वर कहां है?’ लड़के ने चारों ओर देखा. वह घबराया गया इतना बड़ा सवाल! पादरी ने देखा कि लड़के को बात समझ में नहीं आ रही है. वह मेज पर झुका और संकेत देने के लिए उसकी ओर उंगली से इशारा करके बोला, ‘ईश्वर कहां है?’ लड़का और ज्यादा घबरा गया. फिर पादरी को लगा, अच्छा यह समझ नहीं रहा है. वह लड़के के करीब गया और उस छोटे से लड़के की छाती पर उंगली रखकर पूछा,‘ईश्वर कहां है?’
लड़का कुर्सी से उठकर फौरन कमरे के बाहर भाग गया. वह भागते हुए बड़े भाई के पास गया और उससे कहा, ‘हम एक बड़ी मुसीबत में फंस चुके हैं.’ बड़े भाई ने पूछा, ‘क्यों? क्या हुआ?’ वह बोला,‘अरे, पादरी का ईश्वर खो गया है और उसे लगता है कि वह हमारे पास है.’ बस इतना है कि आप बहुत सी ऐसी चीजों पर विश्वास करते हैं, जिनके बारे में आप नहीं जानते. आपके बेवकूफीपूर्ण विचारों को दूर किया जा सकता है. अगर आपने चैतन्य को पा लिया है, तो क्या मैं आपसे उसको छीन सकता हूं या कोई और उसे छीन सकता है?
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