Raksha Bandhan 2023: 200 साल बाद बना शुभ योग, रहें सावधान वरना होगा भारी नुकसान
इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 दोनों दिन मनाया जाएगा। बता दें कि रक्षाबंधन पर भद्रा लगने के कारण इस त्योहार को दो तिथि में बांट दिया गया है।
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30 अगस्त सुबह 10.58 बजे से पूर्णिमा काल का प्रारम्भ होगा और इसके साथ ही भद्रा भी लग जाएगा, जो रात के 9 बजकर दो मिनट पर खत्म होगा। 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर पूर्णिमा तिथि की समाप्ति हो जाएगी।
हो जाएं सावधान, वरना होगा भारी नुकसान
गौरतलब है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है। कहा जाता है कि कोई भी बहन इस काल में राखी बांधता है तो भाई को भारी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
राखी हमेशा भद्रा काल रहित मनाना शुभ माना जाता है। यहां हम बता दें कि भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनि देव की बहन हैं और जन्म से हीं शुभ कार्य में विघ्न डालती हैं। इस कारण से ही भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किये जाने की मान्यता है। कहा जाता है कि शूर्पनखा ने भद्रा काल में ही अपने भाई रावण को राखी बांधी थी, जिसका परिणाम हम सब जानते हैं कि भाई रावण का सर्वनाश हो गया। इसलिए कहा जाता है कि राखी कभी भी भद्रा काल में नहीं बांधे।
200 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, होंगे मालामाल
जानकारों के मुताबिक इस रक्षाबंधन वाले दिन 200 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस संयोग से कई राशियों के किस्मत के ताले खुलने के संकेत हैं।
इस दिन बनने वाले दुर्लभ संयोग में कुछ राशियों पर गुरु और शनि ग्रह का शुभ प्रभाव रहेगा। ऐसे में कुछ राशियों पर मां लक्ष्मी का भरपूर आशीर्वाद मिलेगा और उनके दुख-दरिद्रता का नाश होगा। उन्हें पैसों की कभी कमी नहीं आएगी।
रक्षाबंधन पर इस बार 200 साल बाद शनि और गुरु ग्रह वक्री अवस्था में अपनी स्वराशि में विराजमान रहेंगे, जिससे कुछ राशियों पर इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।
ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि अबकी बार रक्षाबंधन के दिन शनि और गुरु दोनों ही अपनी स्वयं की राशि में वक्री अवस्था में विराजमान रहने वाले हैं। इस दिन देवगुरु मेष राशि में होंगे तो वही शनि देव कुंभ राशि में वक्री अवस्था में होंगे। साथ ही इस दिन यानी 30 अगस्त को रात 8:40 तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। इसके बाद शतभिक्षा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। यह नक्षत्र 31 अगस्त को शाम 5:45 तक रहेगा। इस दिन सूर्य देव भी स्वयं की राशि सिंह में ही विराजमान रहेंगे। सिंह राशि में बुध भी वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे, जिस वजह से बुधआदित्य योग भी बनेगा। ग्रहों के इस संयोगा से कुछ राशि के जातकों की लॉटरी लगेगी।
मेष राशि: देवगुरु बृहस्पति इसी राशि में वक्री होने वाले हैं, ऐसे में इस राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलेगा। इस राशी के जातकों के आय के नए स्रोत खुल सकते हैं। साथ ही नौकरी पेशा जातकों को भी लाभ मिलने के संकेत हैं। परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा ।
मिथुन राशि: रक्षाबंधन मिथुन राशि वालों के लिए अच्छे दिनों की शुरुआत करेगा। आय में बढ़ोतरी होगी, धन संकट खत्म होगा।कोई शुभ सूचना मिलेगी औरआर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
सिंह राशि: इस राशि में बुध आदित्य योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही सूर्य मघा नक्षत्र में रहने वाले हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलगा। माता लक्ष्मी की कृपा इन पर बनेगी और रुका हुआ पैसा भी मिलेगा। भाग्य का सहयोग मिलेगा।
धनु राशि: रक्षाबंधन पर बन रहा ग्रहों का संयोग इनके लिए वरदान साबित हो सकता है। इनको नौकरी-व्यापार में बड़ी तरक्की मिल सकती है। पद-प्रतिष्ठा का लाभ मिल सकता है।आय में बढ़ोतरी के संकेत हैं। धन आने के नए सोर्स बनेंगे। किसी यात्रा पर जाने के योग हैं।
कुंभ राशि: रक्षाबंधन के दिन इसी राशि में शनि वक्री अवस्था में भी विराजमान रहेंगे। इस राशि के जातकों को लंबे समय से रुके हुए कार्य के पूरे होने की आशा है। जल्द ही, इन्हें विदेशी व्यापार में भी सफलता मिलेगी। नौकरी में भी स्थिति काफी प्रबल होगी।
हिंदू पंचांग के मुताबिक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त के सुबह 4 बजकर 26 मिनट से सुबह 5 बजकर 14 मिनट का है। बता दें कि इस बीच अगर कोई बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधता है तो ये बहुत शुभ होगा। वहीं
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