Shardiya Navratri 2021: चौथे दिन होती है 'मां कूष्माण्डा' की पूजा
वासंतिक नवरात्र में नौ गौरी के दर्शन के क्रम में मान्यता अनुसार श्रद्धालु 5 अप्रैल मंगलवार को मां श्रृंगार गौरी का दर्शन करेंगे।
![]() चौथे दिन होती है 'मां कूष्माण्डा' की पूजा |
श्रृंगार गौरी के सुलभ दर्शन वर्ष में एक बार वासंतिक या चैत्र नवरात्र को ही प्राप्त होता है। श्रृंगार गौरी का मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे ईशान कोण में स्थित है।
श्रृंगार गौरी के दर्शन–पूजन से अलौकिक शांति की प्राप्ति के साथ ही मनोवांछित फल मिलता है। सामान्य दिनों में श्रृंगार गौरी को लाल वस्त्र से ढøककर रखा जाता है‚ लेकिन चैत्र नवरात्र में एक दिन के लिए उन्हें मुखौटा व लाल चुनरी से सुशोभित किया जाता है।
यह विग्रह अति प्राचीन है‚ जो कि स्वयं–भू भी है। श्रृंगार गौरी के दर्शन से सुहागिन महिलाओं को सौभाग्य में श्रीवृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही यश‚ ऐश्वर्य व आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है। नवदुर्गा के क्रम में दुर्गाकुण्ड़ स्थित माता कुष्माण्ड़ा देवी का दर्शन होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था और चहुंओर अंधकार व्याप्त था उसी समय माता ने अपने ‘ईषत' हस्त से सृष्टि की रचना की।
देवी का ध्यान मंत्र है– ‘सुरासम्पूर्ण कलशं रूधिराप्लुतमेव च। दधना हस्तपद्माम्यां कुष्माण्ड़ा शुभदास्तुमे॥'
| Tweet![]() |