नरक चतुर्दशी के दिन यमराज और बजरंग बली की होती है पूजा

Last Updated 13 Nov 2020 11:04:49 AM IST

नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है और इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और हनुमान जी की पूजा की जाती है।


दिवाली से एक दिन पहले कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन को छोटी दिवाली, रूप चतुर्दशी और यम दीपावली के नाम से भी पहचाना जाता है। इस दिन शाम को मत्यु के देवता यमराज के नाम से भी एक दीपक जलाने की परंपरा है। इस दिन दक्षिण दिशा की ओर मुख करके एक दीपक जलाने की परंपरा है। मान्‍यता है कि ऐसा करने से यमराज प्रसन्‍न होते हैं और लोगों को अकाल मृत्‍यु के भय से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर के पूर्वज प्रसन्न होकर अपना आशीष घर के सभी सदस्यों पर हमेशा बनाए रखते हैं।

माना जाता है कि पितृपक्ष में धरती पर आए पितृ गण इस वक्‍त परलोक लौट रहे होते हैं और दीपक जलाने से उनका मार्ग रोशन होता है, इससे प्रसन्‍न होकर वे अपनी संतान को सुखी और खुशहाल रहने का आशीर्वाद देते हैं। नरक चतुर्दशी को यमराज और बजरंगी बली हनुमान की भी पूजा-अर्चना की जाती हैं। मान्यता है कि आज के दिन ही बजरंग बली का जन्म हुआ था।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन अर्द्धरात्रि में हनुमान जी का जन्म अंजनी माता के गर्भ से हुआ था। यही कारण है कि हर तरह के सुख, आनंद और शांति की प्राप्ति के लिए नरक चतुर्दशी को बजरंग बली की उपासना लाभकारी होती है। इस दिन शरीर पर तिल के तेल का उबटन लगाकर स्नान करते हैं और इसके बाद हनुमान की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हुए उन्हें सिंदूर चढ़ाया जाता है। इस दिन रात को तेल अथवा तिल के तेल के 14 दीपक जलाने की परम्परा है।

छोटी दिवाली के दिन घर के नरक यानी गंदगी को साफ किया जाता है। जहां सुंदर और स्वच्छ प्रवास होता है, वहां लक्ष्मी जी अपने कुल के साथ आगमन करती हैं। नरक चतुर्दशी को लोग यमराज की पूजा कर अपने परिवार वालों के लिए नरक निवारण की प्रार्थना करते हैं। साथ ही गलतियों से बचने के लिए उनसे माफी मांगी जाती है। नरक चतुर्दशी को मुक्ति पाने वाला पर्व भी कहा जाता है। इस दिन लंबी आयु के लिए घर के बाहर यम का दीपक जलाने की परंपरा है। आज की रात जब घर के सभी सदस्य आ जाते हैं तो गृहस्वामी यम के नाम का दीपक जलाते हैं।

कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीया जलाकर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे ले कर घर से बाहर कहीं दूर रख कर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते। यह दीया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घुमाकर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं।
 

वार्ता
पटना


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