धनतेरस 2020 : शुक्रवार को धनतेरस और हनुमान जयंती, शुभ मुहूर्त में करें खरीदारी व पूजन

Last Updated 11 Nov 2020 12:37:29 PM IST

इस बार 13 नवम्बर को धनेरस और हनुमान जयंती एक ही दिन मनायी जाएगी। कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनायी जायेगी। इस दिन कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र का संयोग मिल रहा है।


त्रयोदशी तिथि 12 नवम्बर को रात्रि 09.30 से प्रारम्भ होकर 13 नवम्बर शुक्रवार को सायं 6 तक रहेगी।

इसके अलावा मान्यता के अनुसार दीपावली से 1 दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी को हनुमान जयन्ती के रूप में मनाते है। इस वर्ष हनुमान जयन्ती 13 नवम्बर को है। दिन में हनुमान जी के मन्दिर में गुड़–चने का प्रसाद और दीपक जलायें। हनुमान जी कलयुग में सर्वाधिक पूजें जाने वाले देवता है। यह जानकारी स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने दी। उन्होंने बताया कि इस दिन धनाध्यक्ष कुबेर की पूजा होती है व धनवन्तरी जयंती भी होती है इस दिन आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धनवन्तरी का समुद्र मंथन से प्राकट्य हुआ था। इस दिन यमदीप दान किया जाता है।

सायंकाल को आटे या मिटटी के दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाकर मुरव्य द्वार पर रखा जाता है। इस दीपदान से असामयिक मृत्यु का भय समाप्त होता है। इस दिन बर्तन‚ चांदी‚ सोना‚ वाहन‚ प्रापर्टी‚ इलेक्ट्रानिक सामान‚ वस्त्र आदि खरीदना शुभ व समृद्विकारक होता है। खरीदारी करने का धनतरेस का शुभ मुहूर्त–लाभ–प्रात 07.46 से 09.08, अमृत–प्रात& 09.08 से 10.29, शुभ–दिन 11.50 से -1.12‚ चर–दिन 3.55 से 05.16‚ लाभ– रात्रि 8.34 से 10.32 बजे तक है। इससे पहले अभिजीत मुहूर्त– दिन 11.02 से 12.12‚ प्रदोष काल सांय 5.16 से 07.54 (शुभ) वृषभ लग्र–सायं 06.21 से 07.17 तक (अतिशुभ) है।

धनतेरस में पूजा का मुहूर्त प्रदोष काल सांयकाल 05.16 से 07.54‚ वृषभ लग्न सांयकाल 05.21 से 07.17 तक है।

सीतापुर रोड़ हाथी वाले बाबा मंदिर के ज्यातिषाचार्य आनन्द दुबे के अनुसार दीपावली 14 नवम्बर शनिवार को मनाई जायेगी। इस दिन श्रीगणेश–लक्ष्मी पूजन मुहूर्त– स्थिर कुम्भ लग्न मध्यान्ह 12.37 से 02.09 तक‚ मुहूर्त– स्थिर वृष लग्न सायं 05.16 से 07.13 तक‚ मुहूर्त– स्थिर सिंह लग्न रात्रि 11.44 से 01.58 तक बजे तक है।

आकर्षक वंदनवारः दीपावली पर लोग मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घरों के मुख्य द्वार पर आकर्षक वंदनवार लगाते हैं। इसको देखते हुए राजस्थान की हस्तकला के वंदनवार की छटा बाजारों में खूब आकर्षित कर रही है। इसके साथ ही मिट्टी की आकर्षक दिये वाली ताली जिसमें चारो तरफ दिए हैं और बीच में एक मुख्य दिया है जो कि दरवाजे की शोभा बढ़ाएगा‚ वह भी लोगों को खूब भा रहा है।

टेराकोटा के बर्तनः दीपावली पर मेहमानों के स्वागत के लिए टेराकोटा के आकर्षक बर्तन भी ग्राहकों की पसंद बन रहें। इन बर्तनों कर आकर्षक डि़जाइन बनायी गयी है। कान्हा उपवन में गाय के गोबर से तैयार दीयों का भूतनाथ बाजार में स्टाल लगाये कर्मचारी॥।
 

सहारा न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ


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