समयसीमा पूरी कर चुकीं कारों को ईंधन नहीं देने के लगाए गए प्रतिबंध के शुरुआती तीन दिनों के दौरान पुरानी कारों की बिक्री में शामिल कंपनियों से ग्राहकों की पूछताछ में वृद्धि देखी गई और देश के अन्य हिस्सों से ग्राहक दिल्ली से कम कीमत पर कारें खरीदने के बारे में पूछताछ करते रहे।

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समयसीमा समाप्त कर चुके वाहनों को 'ईंधन नहीं' देने का नियम एक जुलाई को लागू हुआ। हालांकि तीन दिन के भीतर ही दिल्ली सरकार ने केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से इस निर्देश को तत्काल स्थगित करने का आग्रह किया और कहा कि वह समयसीमा समाप्त कर चुके वाहनों की दिल्ली की सड़कों पर आवाजाही पर प्रतिबंध से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए "हर संभव प्रयास" करेगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष राजेश वर्मा को लिखे पत्र में कहा कि ईंधन पर प्रतिबंध व्यवहारिक नहीं है और तकनीकी चुनौतियों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सकता।
हालांकि, एक जुलाई से तीन जुलाई के बीच जब अनिश्चितता का माहौल था तब कंपनियों ने अपने वाहनों को बेचने के इच्छुक ग्राहकों की ओर से आए अनेक प्रश्नों का जवाब दिया।
स्पिनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं व्यापार प्रमुख हनीश यादव ने कहा, "हमने प्रतिबंध अवधि के आस-पास तीन दिनों की तुलना के आधार पर ऐसे वाहनों के संबंध में संभावित ग्राहकों से पूछताछ में 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी।’’
वहीं सीआर पार्क स्थित यूनाइटेड कार्स इंडिया के मालिक अमित मल्होत्रा ने इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उस समय पुरानी कारों के बारे में 10 गुना अधिक पूछताछ की गयी, विशेष रूप से दक्षिण भारत से।
उन्होंने कहा, "हमें पूछताछ करने के लिए रोजाना तीन से चार कॉल आती हैं। लेकिन प्रतिबंध से पहले हमें रोजाना करीब 50 कॉल आ रही थीं। कॉल करने वालों में से ज्यादातर लोग दक्षिण भारत से थे, जिन्हें लगता था कि वे सस्ती कीमतों पर वाहन खरीद सकते हैं।’’
पिछले सप्ताह, चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में पुरानी कारों की कीमतों में हाल के दिनों में तेज गिरावट आयी है, व्यापारियों ने 40 से 50 प्रतिशत तक की कमी आने की जानकारी दी है।
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