जानिए लेखानुदान और अंतरिम बजट

 जानिए यूपीए-2 के वित्तमंत्री चिदम्बरम का लेखानुदान और अंतरिम बजट

गौरतलब है कि भारतीय संविधान में 'अंतरिम बजट' जैसा कोई शब्द नहीं है. इसके मुताबिक सरकार चाहे तो साल में दो बार भी बजट पेश कर सकती है.सरकार लेखानुदान इसलिए करवा रही है क्योंकि संसद अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में चुनावों के कारण पूरे बजट पर मत नहीं कर पाएगी. चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी, वह संसद में नया बजट लेकर आएगी.

 
 
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