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- जानिए लेखानुदान और अंतरिम बजट

इसके पीछे सैद्धांतिक तर्क ये है कि जब सरकार का कार्यकाल ख़त्म हो रहा हो तो वह अगले पूरे साल के लिए घोषणाएं नहीं कर सकती क्योंकि चुनाव बाद किसी और दल या गठबंधन की सरकार बन सकती है. ऐसे में मौजूदा सरकार अगली सरकार पर अपने वित्तीय फ़ैसले और बजट को नहीं थोप सकती. हालांकि इस पर नियम स्पष्ट नहीं हैं. ये बाध्यकारी भी नहीं है बल्कि स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा है.
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