नारायणहिती नरसंहार मामला फिर खोलने की तैय

Last Updated 01 Mar 2009 03:17:39 PM IST


काठमांडो। नेपाल में माओवादियों के नेतृत्व वाली सरकार ने नारायणहिती महल में 2001 में राज परिवार के ज्यादातर सदस्यों की हत्या के मामले की फिर जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति बनाने का निर्णय किया है। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार एकीकृत सीपीएन माओवादी और सीपीएन यूएमएल सहित गठबंधन की प्रमुख पार्टियां कल 2001 के शाही नरसंहार की जांच के लिए आयोग बनाने पर सहमत हुर्ईं। इन नरसंहार में महारानी एश्वर्य और राजकुमार दीपेन्द्र सहित तत्कालीन नरेश वीरेन्द्र के परिवार के सभी दस सदस्य मारे गये थे। आधिकारिक मीडिया के अनुसार शाही नरसंहार की फिर से जांच को मंजूरी देने के लिए सरकार की मदद के लिए पांच पार्टियों द्वारा बनायी गयी उच्च स्तरीय राजनीतिक व्यवस्था ने एक बैठक में इसे मंजूरी दी। यह पहला मौका है जब सभी राजनीतिक दलों ने आठ साल पुराने शाही नरसंहार पर विचार विमर्श किया। तत्कालीन नरेश ज्ञानेन्द्र द्वारा करायी गयी आधिकारिक जांच के अनुसार नशे में धुत्त राजकुमार दीपेन्द्र ने शुक्रवार के रात्रिभोज के दौरान आत्महत्या करने से पहले अपने पिता माता और परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या कर दी थी। हालांकि रिपोर्ट की वैधता पर काफी सवाल उठाये गये थे क्योंकि उस समय नरसंहार में मारे गये लोगों का कोई पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था। प्रधानमंत्री प्रचंड ने गुरूवार को नारायणहिती संग्रहालय का उद्घाटन करते वक्त कहा था कि सरकार असली कहानी का पता लगाने के लिए पूरे मामले की फिर से जांच करायेगी।



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