आर्यन को छोड़ने के लिए नहीं मांगी गई थी कोई राशि

Last Updated 30 May 2022 01:32:57 AM IST

स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) की सतर्कता जांच से इस बात के संकेत मिले हैं कि क्रूज मादक पदार्थ मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के एवज में कोई राशि नहीं मांगी गई थी।


आर्यन को छोड़ने के लिए नहीं मांगी गई थी कोई राशि

ऐसा माना जाता है कि एनसीबी की सतर्कता जांच में पैसे मांगने के आरोप की पुष्टि करने संबंधी कोई सबूत नहीं मिला है। एनसीबी ने पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण इस मामले में आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी है।

दरअसल, इस मामले में प्रभाकर सैल नामक एक गवाह ने एक हलफनामे के अलावा मीडिया के साथ बातचीत में दावा किया था कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इसके तुरंत बाद एनसीबी के महानिदेशक एस एन प्रधान ने इस मामले में सतर्कता जांच का आदेश दिया था।

प्रभाकर सैल जिनकी अब मौत हो चुकी है, ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मामले में एक गवाह केपी गोसावी को सैम डिसूजा नाम के एक व्यक्ति के साथ फोन पर बात करते हुए सुना था। प्रभाकर के मुताबिक, वे 18 करोड़ रुपये में इस मामले को सुलझाने के सौदे के बारे में बात कर रहे थे, जिसमें से आठ करोड़ रुपये एनसीबी की मुंबई इकाई के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को दिए जाने थे। वानखेड़े ने जहां इन आरोपों से इनकार किया है।

सूत्रों ने कहा कि सतर्कता जांच में कथित तौर पर पाया गया है कि आर्यन खान के परिवार से वसूली के आरोप सही नहीं हैं क्योंकि आरोप की पुष्टि करने वाले कोई भौतिक या तकनीकी सबूत नहीं मिले। उन्होंने कहा कि कथित साजिश में सैल द्वारा नामित लोगों ने जांचकर्ताओं या संबंधित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इस तरह की कोई मांग किए जाने से इनकार किया। समझा जाता है कि सतर्कता जांच टीम ने सभी पक्षों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए, जिनमें सैल और एनसीबी की मुंबई इकाई के वानखेड़े, वी वी सिंह तथा आशीष रंजन प्रसाद जैसे अधिकारी एवं शाहरुख खान तथा ददलानी शामिल हैं। एनसीबी के उप-महानिदेशक (उत्तरी क्षेत्र) ज्ञानेर सिंह द्वारा की गई इस सतर्कता जांच की अंतिम रिपोर्ट जल्द ही महानिदेशक प्रधान को सौंपे जाने की उम्मीद है।

भाषा
नई दिल्ली


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