एक लड़की की कीमत लगाना शर्मनाक है : परिणीति

Last Updated 04 Aug 2019 04:52:27 PM IST

भारत में 1961 से दहेज लेने व देने को गैर-कानूनी माना जाता है, लेकिन समाज में आज भी इसका प्रचलन है। ऐसे में अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को आश्चर्य होता है कि कैसे भारतीय परिवार इसे 'तोहफा' मान सकते हैं।


परिणीति चोपड़ा (फाइल फोटो)

परिणीति ने बताया, "सब जानते हैं कि दहेज-प्रथा गैरकानूनी और अनैतिक है, लेकिन वे फिर भी इसका लेन-देन करते हैं। ऐसे में मुझे गुस्सा तो तब आता है जब लोग इसे अच्छा बनाने के लिए 'तोहफा' का जामा पहना देते हैं। दहेज का साफ अर्थ यही होता है कि आप लड़की की कीमत लगा रहे हैं और उसे खरीद रहे हैं।"

अपनी आगामी फिल्म 'जबरिया जोड़ी' के प्रोमोशन के दौरान अभिनेत्री ने कहा, "हम खुद को आधुनिक कहते हैं, लेकिन फिर हम क्या कर रहे हैं? श्रेष्ठ दिखने के लिए हम लड़की के परिवार वालों से पैसे और लक्जेरियस चीजों की मांग करते हैं। हमारे देश का यह नजारा दुर्भाग्यपूर्ण है।"

दहेज देना एक और अपराध को न्योता देने जैसा है। इसमें से ही एक अपराध बालिगों को पकड़ कर जबरदस्ती बंदूक की नोक पर शादी करने के मजबूर करना है। इस अपराध को 'पकड़वा विवाह' (जबरदस्ती शादी) के नाम से जाना जाता है। यह बिहार में सालों से चला आ रहा है। अक्सर ऐसी जबरदस्ती शादियां इसलिए भी होती है, क्योंकि वरपक्ष शादी करने के लिए ढेर सारा दहेज मांगते हैं।

'जबरिया जोड़ी' एक ड्रामा फिल्म है, जिसकी कहानी 'पकड़वा विवाह' के आसपास घूमती है।

परिणीति ने कहा, "हालांकि 'पकड़वा विवाह' दहेज प्रथा के खिलाफ है, लेकिन ये गलत है। आप किसी का भी अपहरण जबरदस्ती शादी करने के लिए नहीं कर सकते हैं। ऐसे में जब दहेज की मांग ही नहीं रहेगी तो पकड़वा विवाह भी अपने आप ही खत्म हो जाएगा। मेरी लोगों से विनती है कि लड़की की जिंदगी पर कीमत लगाना बंद करिए।"
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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