MeToo: झूठे दावों के आधार पर आलोक नाथ के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया गया- कोर्ट

Last Updated 09 Jan 2019 03:11:43 PM IST

आलोक नाथ को गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए यहां एक सत्र अदालत ने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता के खिलाफ बलात्कार का मामला शिकायतकर्ता विंता नंदा की ‘‘अपमानजनक’’ और ’झूठी’ रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया।




आलोक नाथ (फाइल फोटो)

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस एस ओझा ने पांच लाख रुपए के सुरक्षा मुचलके पर आलोक नाथ को गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए कहा कि पटकथा लेखक ने निजी बदला लेने
के लिए बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई।      

अदालत का यह आदेश मंगलवार को अपलोड किया गया। आदेश में न्यायाधीश ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप शायद नाथ के लिए उसके एकतरफा प्रेम से प्रेरित थे।     

न्यायाधीश ने कहा कि शिकायतकर्ता (नंदा) की अपमानजनक, झूठी, दुर्भावनापूर्ण और काल्पनिक रिपोर्ट के आधार पर अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।     

अदालत ने कहा, ‘‘रिपोर्ट या शिकायत, शिकायतकर्ता की उसके (नाथ के) प्रति निजी प्रतिशोध से प्रेरित है।’’ अदालत ने पाया कि 1980 की शुरुआत से नाथ की पत्नी आशु और शिकायतकर्ता कॉलेज के दोस्त थे।    

अदालत ने आदेश में कहा, ‘‘दोनों मुम्बई में एक टेलीविजन धारावाहिक की प्रोडक्शन इकाई के साथ काम कर रहे थे जहां उनकी मुलाकात आलोक नाथ से हुई और तीनों में अच्छी दोस्ती हो गई। इसके बाद नाथ ने 1987 में आशु को शादी का प्रस्ताव दिया और दोनों ने शादी कर ली।’’      उसने कहा, शिकायतकर्ता को लगा कि वह अकेली रह गई क्योंकि उसने अपनी प्रिय दोस्त को खो दिया था।     

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता के नाथ के खिलाफ आरोप एकतरफा प्रेम और आकर्षण से प्रेरित हो सकते हैं, जो उसके (नंदा के) मन में नाथ के लिए था।’’     

बॉलीवुड में चली ‘मी टू’ लहर के दौरान पिछले साल आठ अक्टूबर को पटकथा लेखक ने सोशल मीडिया पर नाथ का नाम लिए बिना अपने आपबीते अनुभव साझा किए थे।    

इसके बाद नंदा ने मुंबई के ओशिवारा पुलिस थाने में नाथ पर 1998 में पेय पदार्थ में कुछ मिलाकर उनका (नंदा का) बलात्कार करने का आरोप लगाया।     

अभिनेता (62) के खिलाफ नवम्बर में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

 

भाषा
मुंबई


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