मैं जो भी हूं सिनेमा की वजह से हूं : शाहरूख खान
अभिनेता शाहरूख खान का कहना है कि दिल्ली की यादें उनके दिलों की गहराई में समाई है. चाहे वह सुबह चार बजे मूलचंद ढाबे पर पराठे खाने जाना हो, राजेंद्र नगर में गाड़ी चलाना हो या अपने माता-पिता से मिलने जाना हो.
अभिनेता शाहरूख खान |
बीते दिनों को याद करते हुए शाहरूख खान ने पीटीआई भाषा से कहा, ऐसा लगता है कि यह पिछले जन्म की बात है. फिल्में करते हुए अब काफी समय हो गया है.
अभिनेता ने साथ ही संजीदगी से कहा कि बड़े पर्दे का उत्साह हमेशा उनके निजी जीवन में नहीं उतरता. वह यह भी कहते हैं मैं जो भी हूं सिनेमा की वजह से हूं.
राष्ट्रीय राजधानी में अपनी फिल्म जब हैरी मेट सेजल का प्रचार करने आए शाहरख बेहद चुप चुप से रहे और शोर, रंगों तथा लोगों से दूर एकांत की तलाश करते नजर आएं.
जब हैरी मेट सेजल आज बड़े पर्दे पर रिलीज हुई है.
क्या दिलकश शाहरूख खान एक ही बातचीत के दौरान मजाकिया, आत्मविश्लेषी और दार्शनिक हो सकते हैं.
पेश हैं किंग खान की जिंदगी, उनके रिश्तों और उनके सिनेमाई पहलुओं से जुड़े साक्षात्कार के कुछ अंश :
प्रश्न- क्या आपको कभी शब्दों की कमी होती है? आप इतने साक्षात्कार दे रहे हैं लेकिन कोई भी एक सा नहीं है?
उत्तर- मैं अपनी फिल्मों के बारे में बात करते हुए कभी नहीं उबता. ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि मुझे इसका जुनून है लेकिन इसलिए है क्योंकि मुझे लगता है कि यह मेरा कर्तव्य है. मैं सवाल का जवाब नहीं देता, मैं सवाल करने वाले के व्यक्तित्व को जवाब देता हूं. यह इस बात पर निर्भर करता है किसी ने कैसे सवाल पूछा, क्या वह गंभीर है, चंचल है या कूल बनने की कोशिश कर रहा है, मैं उसके अनुसार ही जवाब देता हूं. मैं एक अभिनेता हूं और मेरे लिए मुझसे सवाल करने वाला हर व्यक्ति एक विषय है.
प्रश्न- क्या आपको एक किताब नहीं लिखनी चाहिए ?
उत्तर- मैं एक किताब 20 वर्ष से लिख रहा हूं. एक दिन मैं उसे पूरी कर लूंगा लेकिन मैं तभी लिखता हूं जब मेरा लिखने का मन करता है. मैं उसे एक काम की तरह नहीं करता, मैं एक पेशेवर लेखक नहीं हूं. इसमें मेरी चुनिंदा यादें है और यह बिल्कुल निजी है.
प्रश्न- आप एक ओर प्रफुल्लित व्यक्ति हैं और दूसरी ओर एकांत प्रिय अपने में रहने वाले, जो कि जब हैरी मेट सेजल के आपके चरित्र से मेल खाता है.
उत्तर- हैरी कुछ मायनों में उस व्यक्तित्व के थोड़ा करीब है. एक उत्साह है, जो अचानक से उत्पन्न होता है और इस वजह से लोगों को लगता है कि मैं हंसमुख व्यक्ति हूं. मैं लेकिन निजी जिंदगी में ऐसा नहीं हूं. मेरे परिवार में लोग कहते हैं, यह हंसता या मजाक नहीं करता..फिल्मों में तो बहुत जीवंत लगता है.
प्रश्न- क्या यह आपके आस-पास मौजूद चीजों का प्रभाव है?
उत्तर- मैं ज्यादा कुछ नहीं बता सकता. मैं यह सब कई वर्षो से कर रहा हूं. इसलिए कई बार दिल्ली आकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसा दिल्ली में रहना पिछले जन्म की बात हो.
प्रश्न- क्या अतीत की कुछ यादें हैं?
उत्तर - हां..मेरे माता-पिता को दिल्ली दफनाया गया, इसलिए मैं दिल्ली अक्सर आता हूं. मैं जब भी दिल्ली आता हूं तो वहां जाता हूं. जब भी कोई मुझसे दिल्ली की सड़कों, मार्गो और घरों के बारे में पूछता है तो मैं उत्साहित हो जाता हूं. मैं अक्सर दिल्ली अपने बच्चों को भी लाता हूं.
ऐसे पल भी होते हैं जैसे हम गुरूवार को सुबह चार-पांच बजे दिल्ली आए. इम्तियाज अली ने कहा, सर, मैं आपके लिए मूलचंद से पराठे लाया हूं. हम दोनों ने कमरे में मूलचंद के पराठे खाए. मैंने उनसे कहा, यार तुम मुझे पहले बताते..तो हम ड्राइव पर चलते. दिल्ली से जुड़ी कुछ ऐसी यादें हैं जो मेरे दिल की गहराईयों में समाई हैं.
प्रश्न- ऐसा माना जाता है कि फिल्म जगत अस्थिर है, लेकिन आपने अपने सभी पुराने रिश्ते बरकरार रखे हैं और अगर कोई समस्या होती भी है तो आप उसे सुलझा लेते हैं.
उत्तर- यह बेहद विचित्र है लेकिन मुझे रिश्ते कायम करने में काफी कठिनाई होती है. मुझे रिश्ते कायम रखना नहीं आता. मेरे कुछ ऐसे गहरे संबंध थे जिन्हें मैंने बहुत जल्दी खो दिया. शायद यह रक्षात्मक प्रतिक्रिया है, क्योंकि आपको पता है कि मैंने अपने माता-पिता बहुत कम उम्र में खो दिए थे.
प्रश्न- आप अपनी फिल्मों में काफी जुड़ जाते हैं. आप फिल्म की नाकामी का कैसे सामना करते हैं?
उत्तर- मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देता हूं. अगर कुछ गलत होता है तो भी मैं यह नहीं सोचता कि काश मैंने थोड़ी और मेहनत की होती?
प्रश्न- इम्तियाज के बाद आप आनंद एल राय के साथ काम करने वाले हैं. ट्विटर पर आपकी बातचीत से प्रतीत होता है कि आप काफी उत्साहित हैं.
उत्तर- मैं इंतजार करता हूं कि निर्देशक को मुझ पर पहले विश्वास हो.
प्रश्न- फिल्म जगत में 25 साल पूरे होने पर, अब आप कौन सा मुकाम हासिल करना चाहते हैं..
उत्तर- मेरी आधी उम्र निकल गई है और यह फिल्मों के नाम ही रही है. मैं बहुत नाम, शोहरत और पैसा कमाया. मैं जो भी हूं सिनेमा की वजह से हूं. 25 तो बस एक नंबर है. मेरी पत्नी और बच्चे मुझे कहते हैं आप यह कैसे कर लेते हो..आपका मन नहीं उबता?
मैं उम्मीद करता हूं कि आगे भी इस माध्यम के जरिए लोगों को मनोरंजन करता रहूं.
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