रच दिया इतिहास
ईशान किशन ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज खोने के दर्द को तीसरे वनडे में दोहरा शतक जमाकर किसी हद तक कम कर दिया है।
![]() ईशान किशन |
ईशान के दोहरे शतक और विराट कोहली के साथ उनकी 290 रन की साझेदारी से भारत ने तीसरे वनडे को 227 रन से जीतकर सुखद अहसास के साथ टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका दे दिया है। ईशान ने मात्र 126 गेंदों में शतक जमाकर सबसे तेज दोहरा शतक जमाने का गौरव हासिल किया है।
इससे पहले यह रिकॉर्ड वेस्ट इंडीज के क्रिस गेल के नाम 138 गेंदों में दोहरा शतक बनाने का था। ईशान किशन आखिरी बार वनडे मैच में अगस्त, 2019 में खेले थे, उसके बाद से वह कई बार तो चुने तो गए पर खेलने का मौका नहीं पा सके। कई बार लगता है कि टीम प्रबंधन दिमाग में कोई योजना बना लेता है और उसके हिसाब से ही आगे बढ़ता रहता है, भले ही वह योजना कारगर नहीं हो पा रही हो, क्योंकि लगता है उनके पास वैकल्पिक योजना का अभाव रहता है।
हमारी टीम पिछले कुछ समय से आक्रामक अंदाज में पारी की शुरुआत नहीं कर पा रही थी पर टीम प्रबंधन ईशान जैसे खिलाड़ी को मौका ही नहीं दे रहा था। वह तो रोहित शर्मा के दूसरे वनडे में चोटिल होने की वजह से ईशान को खेलने का मौका मिल गया। अब उन्होंने जिस तरह से मौके को भुनाया है, उससे उनकी अनदेखी करना आसान नहीं होगा। भारतीय टीम आजकल घर में अगले साल होने वाले आईसीसी विश्व कप को ध्यान में रखकर तैयारी कर रही है। बेहतर हो कि खिलाड़ियों की पूर्व छवि के बजाय प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर फोकस किया जाए तो भारत का इस विश्व कप में भाग्य बदल सकता है।
दोहरा शतक जमाने के बाद ईशान ने बताया कि वह जब 95 रन पर थे तो छक्का लगाकर शतक पूरा करना चाहते थे। लेकिन विराट ने उनसे कहा कि यह तुम्हारा पहला शतक है तो जोखिम उठाने के बजाय एक-दो रन लेकर शतक पूरा करो। वह कहते हैं कि विराट के साथ खेलने से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। ईशान उम्दा विकेटकीपर भी हैं। अब टीम प्रबंधन पर निर्भर करता है कि उनका टीम में कैसा इस्तेमाल करते हैं।
इतना जरूर है कि भारत के लिए वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक जमाने वाले इस चौथे क्रिकेटर को टीम में चुने जाने से टीम का ही भला होगा। ईशान की एक खूबी यह भी है कि वह बेहतरीन फील्डर भी हैं। ईशान की प्रगति मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ की देखरेख में ही हुई है, इसलिए वह उसकी खूबियों से अच्छे से वाकिफ भी हैं।
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