पर्यटन दिवस : समावेशी विकास का सतत प्रयास

Last Updated 27 Sep 2022 01:45:56 PM IST

भारत दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। हमारे पास वो सामर्थ्य है जो दुनिया के किसी भी अन्य देश के पास नहीं है।


पर्यटन दिवस : समावेशी विकास का सतत प्रयास

पर्यटन के रूप में भारत के पास धार्मिंक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, मनोरम, पुरातत्वीय स्थलों सहित प्राचीन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। हमारी लोक कलाओं, संगीत और नृत्य परंपराओं का भारतीय संस्कृति, धर्म और दर्शन में सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है। विगत आठ वर्षो में भारत के पर्यटन में कई बड़े बदलाव देखे गए हैं। केंद्र सरकार ने पर्यटन के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने हेतु 7000 करोड़ मंजूर किए हैं। पिछले 8 वर्षो में भारत अपने 10 प्राचीन स्थलों को ‘यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल’ में शामिल कराने में सफल हुआ है। स्वदेश दर्शन योजना पर्यटन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है, जिसके तहत मंत्रालय ने 13 थीमैटिक सर्किटस में 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत 55 नए स्थलों को विकसित करने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने उत्तरपूर्वी क्षेत्र, हिमालयी क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र पर्यटन पर अपना विशेष ध्यान केंद्रित किया है। घरेलू पर्यटन को बढ़ाने के लिए पीएम गति शक्ति भी एक मास्टर प्लान साबित हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से एक बड़ी पहल गुजरात में लौह पुरु ष सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के रूप में केवड़िया मॉडल स्थापित करके की है।

पर्यटन महामरी में सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक था। इसलिए महामारी के बाद पर्यटन पर पुनर्विचार करना जरूरी था। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला जिले में 18 से 20 सितंबर के बीच देश भर के राज्य पर्यटन मंत्री, पर्यटन सचिव और अन्य पर्यटन अधिकारी भारत में पर्यटन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा, चिंतन और विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए। सभी राज्यों के मंत्रियों को एक मंच पर लाकर पर्यटन क्षेत्र के व्यापक विषयों पर चर्चा करने के लिए यह पहला अनूठा प्रयोग था।

इसी दिशा में पर्यटन मंत्रालय में ‘राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2022’ तैयार की है। इस नीति का उद्देश्य देश में पर्यटन के विकास के लिए रूपरेखा की शर्तों में सुधार करना, पर्यटन उद्योगों को सहायता प्रदान करना, पर्यटन सहायता के कार्यों को मजबूत करना, रोजगार और उद्यमिता के अवसर पैदा करना, निजी सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देना, निजी क्षेत्र का निवेश कराना और पर्यटन के उप क्षेत्रों का विकास करना है। राष्ट्रीय पर्यटन नीति का मसौदा भारत के पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए एक समग्र दृष्टि और रणनीति के साथ तैयार किया गया है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ‘धर्मशाला डिक्लेरेशन 2022’ और ‘राष्ट्रीय पर्यटन नीति-2022’ ने समावेशी विकास की यात्रा में नए ढंग से रचनात्मक, जिम्मेदार और सतत पर्यटन पर बल दिया है। भारत सरकार पर्यटन में एमएसएमई और हितधारकों का समर्थन करना जारी रखेगी और इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की संभावनाओं का लाभ उठाएगी।

एक नई पहल यह भी है कि पर्यटन के विकास में अब सिर्फ  पर्यटन मंत्रालय ही काम नहीं कर रहा है, बल्कि रक्षा, नागरिक उड्डयन, सड़क परिवहन और राजमार्ग, विदेश, संस्कृति, वाणिज्य, बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग और रेल मंत्रालय एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अच्छी कनेक्टिविटी पहली जरूरत है। आज देश में सड़क, जलमार्ग, रेल और हवाई कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जा रहा है। देश में हवाई अड्डों की संख्या 2014 में 74 से बढ़कर अब 140 हो गई है और 2025 तक हवाई अड्डों की संख्या को 220 तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।

इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश के सामने आने वाले 25 वर्षो का रोडमेप रखा है। इस कड़ी में पर्यटन मंत्रालय ने भारत को 2047 तक दुनिया का प्रमुख गंतव्य बनाने का संकल्प लिया है। आने वाले दशक में भारत के 7-9% सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है और 2030 तक 250 अरब अमरीकी डालर का सकल घरेलू उत्पाद योगदान, 137 मिलियन नौकरियां, विदेशी मुद्रा आय में 56 बिलियन अमरीकी डालर का योगदान और 25 मिलियन विदेशी आगमन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की उम्मीद है। हम वीजा सुधार, यात्रा में सुगमता, हवाई अड्डों पर यात्री अनुकूल आवास सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए खुलेपन सहित आवश्यक हस्तक्षेप करने की योजना बना रहे हैं।

इस वर्ष भारत ‘‘जी-20’’ शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। इसके अंतर्गत 20 देशों के अन्य-अन्य क्षेत्रों से प्रतिष्ठित महानुभाओं के विभिन्न सम्मेलन वर्ष भर देश के अलग-अलग ऐतिहासिक स्थलों पर आयोजित होंगे। इसलिए ‘जी-20’ दुनिया भर से आने वाले लोगों को देश की पर्यटन क्षमता का परिचय कराने का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा।
(लेखक भारत सरकार के संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री हैं)

जी. किशन रेड्डी


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