मुद्दा : कामकाज बना प्रेरणा का सबब
मंत्रालय मिलना ही काफी नहीं होता है। उसे ठीक से चलाना भी महत्त्वपूर्ण होता है। सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने की कला और सामर्थ्य भी होनी चाहिए।
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केंद्र सरकार की योजनाओं को गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जैसे मंत्रियों ने मजबूती से मूर्त रूप देने की क्षमता दिखाई है। इस कड़ी में एक और नाम जुड़ता है नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का। सिंधिया लगन और मेहनत से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच पर खरे उतरने में कामयाबी हासिल कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के बाद जिन्हें पद और कद के हिसाब से सबसे महत्त्वपूर्ण माना जाता है, वह हैं गृह मंत्री अमित शाह। वह अपने मंत्रालय के साथ संगठन में भी उतनी ही मेहनत करते हैं। गृह मंत्रालय ने कई सारे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जिनकी सर्वत्र चर्चा होती है। कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने की बात हो या आतंकवाद-नक्सलवाद पर नकेल कसने की। कड़े फैसले अनुभवी या ताकतवर मंत्री ही कर सकते हैं। हमारी सीमाओं की सुरक्षा मजबूत हुई है। शाह कहते हैं कि हमारे जवानों या सीमाओं को आज कोई हल्के में नहीं ले सकता। उच्च तकनीक और ड्रोन हमलों को रोकने के लिए प्रतिरोधक प्रणाली जैसे कई महत्त्वपूर्ण प्रावधानों से देश के बाहर और भीतर मजबूती मिली है। जहां तक देश के रक्षा मंत्री की बात है। राजनाथ सिंह का व्यक्तित्व मजबूत कदमों से ही संबंध रखता है। रक्षा मंत्रालय में स्वदेशी उपकरणों का निर्माण संभव हो सका है। कहना न होगा कि पहले सारे उपकरण विदेश से आते थे, अरबों रु पये खर्च होते थे। इन मंत्रियों ने अपने सधे कामकाज से प्रधानमंत्री मोदी पर अपना विश्वास बनाया है। कामकाज के बल पर रक्षा मंत्रालय में जो नई-नई ऊंचाइयां प्राप्त हो रही हैं, काबिल-ए-तारीफ हैं। महिलाओं को कमीशंड अफसर बना दिया गया। आज वे लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं। स्वदेशी उपकरण बन रहे हैं। यहां तक कि अपने उपकरण विदेशों में भी निर्यात किए जाने लगे हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। यह कहने में गुरेज नहीं किया जा सकता। सरकार का यह एक सकारात्मक रुख है।
इसी कड़ी में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के काम की भी कोई सानी नहीं। सड़क परिवहन के क्षेत्र में पूरे देश के अंदर उन्होंने लगातार जो काम किया है, वह बेहद प्रशंसनीय है। उन्होंने पूरे देश के अंदर अपने कार्यकाल में सड़कों का जाल-सा बिछा दिया है। देश में पेट्रोल-डीजल और सीएनजी-पीएनजी के साथ इथेनॉल से चलने वाली गाड़ियां सड़क पर उतार दी गई हैं, तो प्रदूषणरहित इलेक्ट्रिक वाहनों को पूरे देश में लाने संबंधी गडकरी की कोशिशों के चलते। उनकी कोशिशें अथक जारी हैं।
इसी कड़ी में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपनी लगन और मेहनत के बल पर सरकार के अंदर बेहतर कार्य करने का प्रयास किया है, जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी देश का अहम मंत्रालय है, जिसकी बागडोर प्रधानमंत्री मोदी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी है। नरेन्द्र मोदी का कहना है कि-‘हम हवाई चप्पल पहनने वालों को भी हवाई सफर कराना चाहते हैं, और यह सपना जल्द ही पूरा होगा।’ इस दिशा में सरकार तेज गति से पहल कर रही है। हालांकि अभी बहुत अच्छे काम होने बाकी हैं, लेकिन सिंधिया की कोशिशें लगातार रंग ला रही हैं। जिस रफ्तार से चीजें चल रही हैं, उन्हें देखकर लगता है कि मोदी के यह सिपहसालार नया भारत बनाने की ओर अग्रसर हैं। इस क्रम में सिंधिया मध्य प्रदेश में ड्रोन प्रौद्योगिकी के शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए पांच स्कूल-ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में-खुलवाने की तैयारी में हैं। इससे न केवल युवाओं का सशक्तिकरण हो सकेगा, बल्कि रोजगार सृजन भी होगा।
निश्चित रूप से इस दिशा में इन मंत्रियों का योगदान मंत्रालयों में काफी अहम माना जा रहा है। वर्तमान केंद्र सरकार के लिए ये अच्छे संकेत हैं। शाह, राजनाथ और गडकरी ने जैसा काम किया है, उम्मीद की जानी चाहिए कि बाकी के मंत्रालय भी इसी तरह से काम करें और सरकार के अच्छे कामों को आगे बढ़ाएं। इन सबकी कार्यशैली अलग-अलग तरह की हैं। इन कार्यशैलियों से निश्चित ही जनता प्रभावित होती है। इसलिए जरूरी है कि इनकी कार्यशैलियों से सीख लेकर अन्य मंत्रालय भी अपने कामकाज में सक्षमता और निपुणता का पुट दें। अनुकरणीय काम करें ताकि अन्य मंत्रालयों के लिए भी प्रेरक बन सकें। अगर ऐसा ही रहा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों का भारत बनने में देर नहीं लगेगी।
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