उत्तर प्रदेश : विकास के एक्सप्रेस-वे पर

Last Updated 08 Dec 2021 12:34:49 AM IST

जिस प्रदेश में 71 वर्ष तक मात्र एक अंतरराष्ट्रीय विमान पत्तन हुआ करता था, 2017 के पश्चात वह प्रदेश मात्र साढ़े चार वर्ष में पांच-पांच अंतरराष्ट्रीय विमान पत्तन वाला देश का एकमात्र राज्य बन गया!


उत्तर प्रदेश : विकास के एक्सप्रेस-वे पर

यही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश के जेवर में बन रहा है। अचंभित हो गये न! परंतु विकास की यह गाथा सर्वथा सत्य है। यह गाथा आज के उत्तर प्रदेश की है। परिवर्तन भी ऐसा कि मात्र साढ़े चार वर्ष में देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया।

दूर से बैठकर इस विकास गाथा को सुनने वाले कहेंगे कि यह तो चमत्कार है। परंतु सच यह है कि यह चमत्कार नहीं, अपितु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता भरी योजना-दृष्टि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मठता का परिणाम है। समग्र देश के विकास के प्रति लगन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली में है और वह सदैव विकास की समग्र, एकीकृत एवं समावेशी दृष्टि से कार्य करते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रवृत्ति भी केंद्रित होकर विकास का लक्ष्य प्राप्त करने वाली है। इसका परिणाम यह हुआ कि योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की जब ठानी, तो पहला लक्ष्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास का निर्धारित किया। पिछड़ेपन का दंश झेल रहे एक ऐसा राज्य जो आकार में इंग्लैंड से बड़ा है और जनसंख्या इतनी है कि विश्व के केवल पांच देश ही ऐसे हैं, जिनसे इसकी जनसंख्या कम है। इसका अर्थ यह हुआ कि जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश इतना बड़ा है, जितना कि विश्व का छठा बड़ा देश।

लक्ष्य पर योगी जी के प्रयास साकार रूप में दिखने लगे और परिणाम यह है कि जो राज्य सत्तर वर्ष में मात्र 165 किलोमीटर लंबा एक एक्सप्रेस हाई-वे यमुना एक्सप्रेस-वे पूरा कर सका, उसी राज्य में योगी जी के आते ही आधे-अधूरे आगरा-एक्सप्रेस-वे का काम न केवल पूरा किया गया, अपितु प्रदेश को पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक जोड़ने के लिये तीन-तीन नये एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना पर चल पड़े।

कुल-मिलाकर योगी सरकार ने सत्तर वर्षो में मात्र 165 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे बनाने वाले राज्य को मात्र साढ़े चार वर्ष में लगभग 1500 किलोमीटर (1497 किलोमीटर) एक्सप्रेस-वे से आच्छादित करने की सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है, जिसमें से लगभग 1100 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे की योजना योगी सरकार की अपनी योजना है। योगी सरकार ने साढ़े चार वर्षो में ही प्रदेश को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने में लगभग एक हजार प्रतिशत वृद्धि की है। योगी सरकार इन एक्सप्रेस-वे के किनारे-किनारे औद्योगिक गलियारा बना रही है।

केंद्र की मोदी सरकार एवं राज्य की योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे-किनारे रक्षा उत्पादन गलियारा बना रही है, जो इस क्षेत्र का भाग्य संवार देगा। विमानन क्षेत्र की अधोसंरचना विकास पर भी मोदी-योगी सरकार ने उतना ही काम किया है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में केवल 25 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय उड़ाने हुआ करती थीं, जबकि आज 2021 में 71 स्थानों के लिये विमान सेवाएं उपलब्ध हैं, जिसमें से देश के भीतर 59 स्थानों के लिये और विदेश के 12 स्थान के लिये विमान सेवाएं उपलब्ध हैं।

योगी सरकार में उत्तर प्रदेश के विकास की सफलता का परिणाम सामने आने लगा है और प्रदेश ने अनेक औद्योगिक व अगड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए व्यापार करने की सरलता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) में देश में दूसरे स्थान पर आ चुका है।

सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। सेंटर फॉर मॉनीटिरंग इंडियन इकोनॉमा (सीएमआईई) की मार्च 2021 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर वर्ष 2017 के 17.5 प्रतिशत की तुलना में आज नाममात्र का 4.1 प्रतिशत रह गयी है और राज्य में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2015-16 के 43,000 रु पये की तुलना में वर्ष 2021 में आज दोगुने से भी अधिक 95,000 रु पये हो गयी है। योगी सरकार में विकास का ऐसा प्रतिमान और जनता की प्रगति का ऐसा उदाहरण सफलता की एक गाथा भर नहीं है, अपितु यह भारतीय जनता पार्टी की सरकारों एवं उसके नेतृत्व के उस संकल्प व दृढ़-निश्चय का प्रेरक कथा है, जो नागरिकों को राष्ट्र निर्माण व लोक कल्याण के पथ का दर्शन कराता है।
(लेखक स्तंभकार एवं राजनैतिक विश्लेषक हैं)

हरीशचंद्र श्रीवास्तव


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