बतंगड़ बेतुक : अब लंबी तानकर सो जाइए
झल्लन समूचा का समूचा गमक रहा था, उसका अंग-अंग शौर्य और उत्साह से चमक रहा था और उसका चेहरा खुशी से दमक रहा था।
बतंगड़ बेतुक : अब लंबी तानकर सो जाइए |
हमें देखते ही बोला, ‘जय भारत माता की, जय भारत भाग्य विधाता की।’ हमने पूछा, ‘क्या हुआ झल्लन, काहे सुबह-सुबह सीना फुला रहा है, काहे भारत माता का जयकारा लगा रहा है?’ वह बोला, ‘सही पकड़े हो ददाजू, आज हमारा सीना गर्व से चौड़ा हुआ जा रहा है तभी तो हमारी जुबान पर बार-बार भारत माता का जयकारा आ रहा है। अब देखते हैं कि हमारा दुश्मन कैसे हमें हड़काता है, कैसे हमारी सीमा पर बुरी नजर लगाता है। अब तक तो हमारे सारे दुश्मनों को पता लग गया होगा कि हम क्या थे और क्या हो गये हैं, वे सेर हैं तो हम सवा सेर हो गये हैं।’ हमने कहा, ‘ऐसा क्या हो गया कि हम अचानक इतने ताकतवर हो गये, दश्मन की तुलना में इतने कद्दावर हो गये?’
झल्लन बोला, ‘ददाजू, हमें मालूम है कि हमारे खबरिया चैनल आपको नहीं सुहाते हैं, आप उन पर दिमाग नहीं लगाते हैं पर उनसे इतना परहेज मत किया करो, कभी-कभी उन्हें भी देख-सुन लिया करो। खबरिया चैनलों की हालिया खबर सुन लेते तो आप ये सवाल नहीं कर रहे होते और हमारी तरह अपने सीने में गर्व और गौरव की हवा भर रहे होते।’ हमने कहा, ‘खबर में ऐसा क्या सुनकर आ रहा है जो तेरा सीना फूलकर कुप्पा हुआ रहा है?’ वह बोला, ‘ददाजू, खबरिया चैनल सुन लेते तो जान जाते कि हमारी ताकत आसमान नाप रही है और हमारे दुश्मनों की छाती डर से कांप रही है।’ हमने कहा, ‘अब तू केवल जुबान ही चलाएगा या हमें अपने चेहरे की चमक का रहस्य भी बताएगा?’ वह बोला, ‘सच में ददाजू, कभी-कभी तो आपको बच्चों की तरह समझाना पड़ता है, देश-दुनिया में क्या हो रहा है इसकी जानकारी आप तो रखते नहीं, उल्टे हमें ही आपको बताना पड़ता है। जान लीजिए अब हमारे यहां राफेल आ गया है, राफेल के आते ही हमारा मनोबल गगनचुम्बी हो गया है, सारे देश में नया उत्साह छा गया है।’ हमने कहा, ‘राफेल में ऐसी क्या शान है, वह तो सिर्फ एक उन्नत किस्म का लड़ाकू विमान है।’
झल्लन बोला, ‘ददाजू, राफेल एक विमान नहीं अब हमारी सेना की जान है, वह हमारी शक्ति, हमारा शौर्य, हमारा अभिमान है। अगर आप दो-चार दिन खबरिया चैनल देख पाते, राफेल के अद्भुत असीम मारक गुणों के बारे में जान जाते तो हमारी बात बिना ना-नुकुर के मान जाते।’ हमने कहा, ‘चल भई, गलती हो गयी जो चैनल नहीं देख पाये, जो राफेल के अद्भुत गुणों के बारे में नहीं जान पाये। अब तू ही बता दे कि राफेल क्या कर पाएगा, दुश्मन के खेमे में कैसे तबाही फैलाएगा और कैसे दुश्मन को डराएगा?’ झल्लन बोला, हमारे बहादुर चैनल वालों ने राफेल में ऐसे-ऐसे मारक-संहारक गुण खोज निकाले हैं कि जिन्हें राफेल की अम्मा कंपनी भी अब तक नहीं जान पायी थी, उसने एक शूरवीर पूत पैदा कर दिया था पर उसकी ताकत को वह भी पूरी तरह नहीं पहचान पायी थी। अब वह अम्मा सोच रही है कि यह उसका अपना ही लाल है या भारत की धरती का कमाल है कि यहां पहुंचते ही उसका पूत बेमिसाल हो गया है और देखते-ही-देखते भारत के दुश्मनों का काल हो गया है।’ हमने कहा, ‘तो राफेल की अम्मा कंपनी और उसके बाप देश को भारत के चैनलों का आभारी होना चाहिए और उनकी ओर से इन चैनलों के लिए जोरदार आभार-पत्र जारी होना चाहिए?’
झल्लन बोला, ‘और तो और ददाजू, हमारे चैनल तो दुश्मन देशों की थर्राहट भी देख आये हैं और वे रिक्टर पैमाने पर कितना कांप रहे हैं, यह भी नाप लाये हैं। दुश्मन जान गया है कि अब उनमें से कोई भी भारत के खिलाफ चाल चलेगा या उसके विरुद्ध मुंह बजाएगा तो हमारा राफेल भीतर तक घुसेगा और उनके मुंह पर मिसाइल मार जाएगा, उन्हें धरती सुंघाएगा और वापस लौट आएगा।’ हमने कहा, ‘तो तू चाहता है कि अब हम दुश्मन की ओर से निश्चिंत हो जायें और राफेल के बल पर लंबी तानकर सो जायें?’ वह बोला, ‘और क्या ददाजू, बस अब गर्व से सीना फुलाइए और बिना डर-भय के खर्राटे मारकर सो जाइए।’ हमने कहा, ‘लेकिन झल्लन, राफेल को लेकर इतना हल्ला मच गया है कि इसकी ताकत का पता दुश्मनों को भी चल गया है। तो क्या ये दुश्मन राफेल की अम्मा के पास नहीं जाएंगे और चार-छह राफेल अपने देश के लिए लेने की गुहार नहीं लगाएंगे? अगर उन्हें भी राफेल मिल गये तो उनका कांपना-थरथराना बंद हो जाएगा और एक बार फिर मुकाबला बराबर का हो जाएगा।’
झल्लन बोला, ‘क्या बात करते हो ददाजू, मिट्टी-मिट्टी का भी असर होता है और मिट्टी से ही कोई लचर तो कोई जबर होता है। दुश्मन के हाथ में आकर राफेल बुरी तरह पिट जाएगा और खुद-ब-खुद निपट जाएगा। वहां की मिट्टी में ऐसे खबरिया चैनल थोड़े ही उगते हैं जो राफेल में एक साथ इतने गुण जगा दें और देखते-ही-देखते उसे ब्रह्मास्त्र बना दें। अब, आप तो बस निश्चिंत हो जाइए, लंबी तानकर सो जाइए।’
| Tweet |