कोविड-19 : अद्वितीय नेतृत्वकर्ता हैं मोदी
कोविड-19 के कारण, पूरी दुनिया और समस्त मानवजाति संकट के एक ऐसे दौर में है, जिससे जनस्वास्थ्य से लेकर अर्थव्यवस्था तक, हर मोर्चे पर दुनिया के अनेक देश लड़ रहे हैं।
कोविड-19 : अद्वितीय नेतृत्वकर्ता हैं मोदी |
ऐसे समय में भारत अपनी सामूहिक संकल्प शक्ति के द्वारा पूरी दुनिया को इस वैश्विक महामारी को परास्त करने की राह दिखा रहा है। विभिन्न प्रकार की जीवनशैली, तौर-तरीकों, आस्थाओं एवं भौगोलिक अवस्थाओं वाले एक विशिष्ट संस्कृति से युक्त इतने विविधतापूर्ण देश में जिस प्रकार से एकजुट होकर कार्य किया जा रहा है, वह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है।
संकट के ऐसे समय में 135 करोड़ देशवासियों के भीतर, आशा और विश्वास के साथ एक नई चेतना जागृत हुई है। एक दूरगामी चिंतन ने देश को सहजता से एकजुट किया है और राहत, बचाव एवं जनकल्याण के कार्यों को गति प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, कोरोना की जंग मजबूती से लड़ रहा है और दुनिया के अनेक विकसित देशों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर स्थिति में है। वैश्विक चुनौती के इस कालखण्ड में हम इस बात के साक्षी बने हैं कि देशहित में लिये गए निर्णय में देश का एक सामान्य नागरिक भी, अपनी क्षमता से बढ़कर अपना योगदान देना चाहता है। यह देशवासियों की एकजुटता का प्रभाव है कि जब जनता कर्फ्यू के साथ कुछ हफ्तों का सहयोग मांगकर कोरोना महामारी से लड़ने का शंखनाद किया गया तो पूरा देश इस निर्णायक युद्ध में उठ खड़ा हुआ। जब पूर्ण लॉकडाउन की अपील की गई तो जनता ने फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इसका स्वागत किया। देश के गांव, कस्बों से लेकर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगर तक वीरान नजर आने लगे। भारत में जल्दी लॉकडाउन लागू हो जाने से जनता ने बहुत मजबूती के साथ इस लड़ाई को लड़ने में अपना योगदान दिया है। लॉकडाउन जैसे कठिन और साहसिक निर्णय की गंभीरता को देखते हुए, देश के हर वर्ग ने अनेक परेशानियां उठाकर भी सरकार के कदम से कदम मिलाया है। लॉकडाउन के हर चरण में देश की जनता के साथ प्रधानमंत्री के सीधे संवाद के प्रारूप को पूरी दुनिया ने अत्यधिक सराहा है।
एक प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश में आपदा प्रबंधन अधिनियम को लागू किया ताकि केंद्र सरकार एक देशव्यापी योजना को राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू कर सके। आपदा प्रबंधन अधिनियम को गुजरात में सबसे पहले मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने ही लागू किया था। यह कानून अब पूरे देश के काम आ रहा है। आज देश में अनेक मंत्रालयों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय और सीधा संवाद स्थापित होने से एकजुट होकर हर आपदा को नियंत्रित करने की हमारी क्षमता बेहतर होती जा रही है। भारत ने अपनी स्थिति संभालने के साथ ही दुनिया के अनेक देशों की सहायता की है। अमेरिका, ब्राजील, इस्रइल, स्पेन, श्रीलंका, जैसे अनेक जरूरतमंद देशों की चिकित्सकीय सहायता के लिए भारत संकटमोचक बना है। यही कारण है कि पूरी दुनिया भारत की प्रशंसक बन रही है। हमारी एकजुटता का परिणाम है कि देश के अनेक राज्यों में मुख्यमंत्रियों से लेकर लोकसेवक तक सभी, दिन-रात इस महामारी से लड़ने के लिए रणनीति बनाने और जनता तक सेवाएं पहुंचाने में लगे हुए हैं। देशवासियों की एकजुटता सरकार के लिए बहुत सहायक सिद्ध हुई है। यही कारण है कि आवश्यक सहायक उपकरणों जैसे पीपीई, मास्क, वेंटीलेटर्स, थर्मल एनालाइजर इत्यादि की आवश्यक आपूर्ति लगातार सुनिश्चित हुई है। पीपीई किट और मास्क बनाने की दिशा में हम आत्मनिर्भर हो गए हैं। पूरे देश में कोविड-19 टेस्टिंग लैब्स के अपग्रेडेशन के साथ ही जांच के लिए नये-नये कलेक्शन सेंटर भी तेजी से स्थापित हो रहे हैं।
इस महामारी के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता से जुड़े लोग और संस्थान भी पूरी तरह सजग रहे हैं। देश के आईटीआई एवं अन्य कौशल संस्थान अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। स्किल इंडिया के सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा नये उत्पादों का निर्माण हो रहा है। देशवासियों की रचनात्मकता से ‘मेक इन इंडिया’ का विजन निरंतर साकार हो रहा है। रिसर्च और इनोवेशन का हब बनने की दिशा में हम अग्रसर हो रहे हैं। तकनीकी भारत की सबसे बड़ी ताकत बन रही है। दुनिया की निगाहें पल-पल भारतीयों के तकनीकी शौर्य पर टिकी हुई हैं। इस भयंकर त्रासदी ने दुनिया को बता दिया है भारतीयों के भीतर एकजुट होकर विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला करने का संकल्प समाहित है। एक ऐसा संकल्प जो दुनिया को एक नई राह दिखा सकता है।
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