मुद्दा : किसान हितैषी है आम बजट

Last Updated 17 Feb 2020 01:04:27 AM IST

निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2020 देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत गति प्रदान करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।


मुद्दा : किसान हितैषी है आम बजट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है। उसके लिए यह बजट सक्षम भूमिका प्रस्तुत करता है। आने वाले समय में 10 प्रतिशत की नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ रेट इस बात की द्योतक है कि हमारी अर्थव्यवस्था तेज गती से आगे बढ़ेगी। इस बजट में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए कई प्रावधानों की घोषणा की गई है। तीन महत्त्वपूर्ण भाग बजट की दिशा निर्धारित करते हैं।
देश का एक बड़ा वर्ग अर्थव्यवस्था के विकास में अपनी भागीदीरी सुनिश्चित करना चाहता है। उसके लिए एसपिरेशनल इंडिया के प्रावधानों के तहत ग्रामीण परिवेश की जनता के जीवन स्तर को उपर लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, पानी, मकान एवं आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने के लिए;  जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए ‘किसान रेल’ और ‘किसान उड़ान योजना’, पीएम कुसुम स्कीम के जरिए 20 लाख किसानों को सोलर पंप से जोड़ा जाना, बागवानी फसलों के लिए एक जिला एक फसल योजना, 1 लाख ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट कनेक्टिवटी पहुंचाना और  महिला किसानों के लिए धन लक्ष्मी योजना, जैसे 16 नये प्रावधान किए गए हैं। बजट का दूसरा महत्त्वपूर्ण भाग आर्थिक विकास को तेज गति प्रदान करता है, जिसमें इंडस्ट्री के सभी क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, पॉवर, पेट्रोलियम और गैस, रेलवे, एयरपोर्ट, सीपोर्ट और नई टेक्नोलॉजिकल और डिजिटल इकॉनमी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है। एमएसएमई? और स्टार्टअप ईको सिस्टम को सरकार ने खुले दिल से सहयोग एवं समर्थन प्रदान किया है।

सरकार ने 103 लाख के इन्फ्रास्टकचर इनवेस्टमेंट के लिए नेशनल इन्फ्रास्टकचर पाइपलाइन के तहत, 6500 आधारभूत ढांचे के प्रोजेक्ट चिह्नित किए हैं। इन प्रोजेक्ट में विदेशी निवेशकों के लिए ब्याज, डिविडेन्ट और कैपिटल गेन टैक्स में 100 फीसद की छूट दी है और केंद्र एवं प्रदेश सरकार के खच का समावेश भी किया है। तीसरा महत्त्वपूर्ण भाग है जन कल्याण, समाज के सभी वर्ग जैसे महिला, वृद्ध, युवा, मध्यम आय वर्ग और उपभोक्ताओं के लिए ‘सबका साथ सबका विकास’ की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए सरकार की सभी पूर्ववर्ती जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए आर्थिक प्रावधान पूरी तरह चालू रखे गए हैं।
आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाएगी, 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य, टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान के तहत किया जाएगा। एसपिरेशमल जिलों में जल आपूर्ति का घोषणा की गई है। करदाताओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने की महत्त्वपूर्ण पहल टैक्स पेयर राईटस चार्टर के द्वारा सरकार ने कानून के ही अंतर्गत की है। इस तरह के प्रावधान अभी तक विश्व के केवल तीन देशों में ही हैं। विवाद से विश्वास, फेस लेस अपील और ई-असेसमेन्ट जैसे प्रावधान ईमानदार करदाताओं को सम्मान एवं कर सरलीकरण प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करते हैं। व्यक्तिगत करदाताओं के लिए कर की दरों में कम करने के साथ विकल्प देने का अहम कदम सरकार ने उठाया है और 15 लाख तक के मध्यम वर्ग के करदाताओं को इस विकल्प से राहत मिलेगी। वित्त क्षेत्र के लोगों के लिए डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटा दिया गया है। बांड मॉर्केट के लिए महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं।
विदेश से पूंजी आयात के लिए विदेशी निवेशकों को खासकर पेंशन एवं प्राविडेंट फंड के लिए घरेलू बांड मार्केट में निवेश की सीमा बढ़ाने और नई सरकारी योजनाओं में निवेश के प्रावधानों की घोषणा की गई है। चीन और आस पास के देशों से भारत में सस्ता माल भेजा जा रहा है, जिसके कारण हमारे देश के उद्योगों को नुकसान हो रहा था। आसियान देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट के तहत जो हमारे घरेलू उद्योगों को नुकसान हो रहा है उसके लिए सेफगार्ड ड्यूटी और ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ जैसे प्रावधानों द्वारा इन उद्योगों को संरक्षण प्रदान किया गया है। 
एमएसएमई  क्षेत्र में बैंकों के कर्ज के तहत समस्याए उपस्थित हो गई थी; उसके सामाधान को भी सरकार ने आसान किया है। लोन रि-स्ट्रक्चर करने की सीमा को 500 करोड़ से घटा कर 100 करोड़ करना इस दिशा में महत्त्वपूर्ण बदलाव लाएगा। कुल मिलाकर देश के विकास एवं समाज के सभी वर्ग के कल्याण को सरकार ने इस बजट में ध्यान रखा है। चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र के किसानों की समस्या हो या युवाओं को रोजगार देने के लिए शिक्षा में बदलाव हो।

गोपाल कृष्ण अग्रवाल


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