हामिद रोया, मां ने कहा मेरा भारत महान
मातृभूमि का महत्व क्या है, इसका एहसास आज हामिद अंसारी से ज्यादा और किसे हो सकता है। 6 साल पाकिस्तान की जेल में रहना और वह भी भारतीय जासूस बता कर, हामिद की वतन वापसी एक चमत्कार से कम नहीं।
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हामिद की कहानी अब पूरा देश जान गया है। पाकिस्तान की एक लड़की से ऑनलाइन चैट करते उससे प्यार हो गया और फिर क्या था प्यार में यह दीवाना एक ऐसी राह पर निकल गया जो उसको पाकिस्तान की जेल में पहुंचा गया।
यह 6 साल हामिद ने कैसे गुजारे होंगे शायद वह इस पर बात करें या फिर ना करें। पर उसके भीतर जो चल रहा था वह कल उस क्षण में पूरा साफ-साफ दिखा जब वो वाघा बॉर्डर पर दौड़ के अपनी मां के गले लगा और सिसक-सिसक कर रोने लगा। हामिद ने तुरन्त झुक कर अपनी वतन की जमीन को सजदा किया, चूमा और उस मिट्टी की सुगंध को महसूस किया जिससे वह शायद हर पल याद कर रहा था। हामिद कुछ पल इसी पोजिशन में रहा।
उसकी मां और पिता भी अपने को रोक न पाये और भारत मां की धरती पर झुक गए। अपने सीने से लगाने के बाद हामिद की मां ने अपने बच्चे के पूरे शरीर को छुआ। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे कि वे अपने बच्चे के हर अंग को चेक कर रही थी। बार-बार वह यह पूछ रही थी कि पाकिस्तानी जेल में प्रताड़ना तो नहीं हुई। यह दृश्य देख कर किसी की भी आंखें नम होने से कैसे बच सकती हैं। पूरा परिवार रो रहा था और शायद वह सब भी जो उन्हें देख रहे थे।
हामिद और उसका परिवार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उनके दफ्तर में मिले। सुषमा को देखते ही हामिद की मां उनके गले लगीं और धन्यवाद देती रहीं। वह शायद अपने आप को रोक नहीं पाईं और जोर जोर से कहने लगी ‘मेरा भारत महान, मेरी मैडम महान, सब उन्होंने ही किया’। हामिद को भी सुषमा ने गले लगाया और हामिद के आंखों से आंसू बहने लगे। सुषमा स्वराज ने हामिद के प्रति संवेदना जताई और कहा, “आपका भाग्य आपको भारत वापस ले आया।“
हामिद के भाग्य ने उसका साथ दे दिया वरना पाकिस्तान में भारतीय जासूस कह कर पकड़ा जाये तो दुर्गति तो होनी ही है, यह हमने सरबजीत के केस में देखा है और अब कुलभूषण यादव के केस में देख रहे हैं। ऐसे भी कई केस देखे हैं जब व्यक्ति तो पाकिस्तान से लौटा लेकिन मानसिक संतुलन खोकर।
हामिद के लिए उसका परिवार लगातार संघर्ष तो कर ही रहा था, विदेश मंत्रालय भी पाकिस्तान में उसके लिए लड़ रहा था। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत ने इन छह साल में 66 बार हामिद से मिलने के लिए काउंसलर एक्सेस की मांग की लेकिन हर बार पाकिस्तान ने भारतीय हाई कमिशन की इस मांग को ठुकरा दिया। काउंसलर एक्सेस किसी भी विदेशी नागरिक का मूल अधिकार है लेकिन पाकिस्तान अकसर भारतीय कैदियों के साथ सौतेला व्यवहार करता आया है। शायद इस कारण भी सुषमा स्वराज ने हामिद से कहा कि उसके भाग्य ने उसे वापस वतन लाया है।
हामिद के साथ जो हुआ वह एक कहानी से कम नहीं है। शायद कुछ समय बाद उस पर कोई फिल्म बनाये या फिर वे खुद किताब लिखें। फिलहाल वह अपनी मां और परिवार के प्यार में रहना चाह रहा होगा।
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