मीडिया : मीडिया का चारण-भाट युग
यह हमारे मीडिया को क्या हो गया है? क्या वह एक बार फिर चारण भाट युग में पहुंच गया है? ‘दीप वीर’ की शादी का कवरेज देख हमें तो ऐसा ही महसूस हुआ।
मीडिया : मीडिया का चारण-भाट युग |
यों अपना मीडिया अपने तेवर दिखाने के लिए कुख्यात है। उसके रिपोर्टर जरा-जरा सी बात पर किसी को भी धमकी दे देते हैं कि जानते नहीं मैं कौन हूं? लेकिन इटली जाकर उनको क्या हो गया कि शादी की जगह से बहुत दूर रोक दिए जाने पर भी शादी करने वालों से न कहा, जानते नहीं मैं कौन हूं?
एक शादी ही तो थी। आप ठहरे मीडिया। हजारों दीप-वीर रोजाना अपनी खबर देने के लिए आपके दरवाजे दस्तक देते हैं। आप क्यों उनके दरवाजे पर बैठ गए? आप न दिखाएं तो ये हीरो- हीरोइन क्या हैं? ये आपके बनाए हुए ही तो हैं।
लेकिन धन्य हैं आप और आपके रिपोर्टर जो विदेश में इतनी बेइज्जती कराने के बाद भी किन्हीं मध्यकालीन बंदीजनों की तरह शादी का सौंदर्य वर्णन करते रहे : ये देखिए, ये रहा दुनिया का सबसे महंगा इटली का कोमो झील रिसॉर्ट। एकदम देव दुर्लभ! वाह! क्या हरीतिमा है। एकदम क्लासिकल इटालियन आर्किटेक्चर। कैसी तो दिव्य झील है। चारों ओर एकदम डिजाइंड पेड़ हैं, जिनके पत्ते तरह-तरह के रंग बिखेर रहे हैं। कुछ वृक्ष, वृक्ष नहीं बड़ी सी तराशी हुई हरी छतरी से लगते हैं। विला में सत्तर कमरे हैं। तीन-तीन खाने-पीने के हॉल हैं। एक गोल्फ कोर्स भी है। जेम्स बांड की फिल्म की शूटिग यहीं हुई है। एक-एक कमरा करोड़ों का है। यह अरब-खरबपतियों की ऐशगाह है..। ये देखिए, आज कोंकणी स्टायल की शादी हो रही है। ये देखिए, आज सिंधी स्टायल वाली हो रही है। ये देखिए, बाजे बज रहे हैं, गाने गाए जा रहे हैं। लेडीज संगीत हो रहा है..। विला वाले संगीत के वॉल्यूम को बढ़ा देते हैं, तो रिपोर्टरों से हम तक गानों की तेज आवाजें आने लगती हैं। रिपोर्टर बताने से नहीं चूकते कि किस बॉलीवुडिया गाने को गाते हुए दूल्हा-दुल्हन नाचे हैं..। सुना है गोविंदा और सलमान भी आए हैं..। तीसरे दिन जाकर शादी के कुल दो फोटो नसीब हुए। चैनलों ने अपनी खबर ब्रेक की और फोटो लगाकर व्याख्या की कि यह है कोंकणी स्टायल की शादी का वाला फोटो और यह है सिंधी स्टायल की शादी वाला फोटो। दूल्हा-दुल्हन, दोनों खिलखिला कर हंसे जा रहे हैं। मानो एक प्राण दो मन हों। एक तन के पास मूंछें हैं, दूसरे तन के पास सिर्फ बत्तीसी है खिली हुई..। ऐसी कौन-सी महान ‘खबर वैल्यू’ थी इस शादी की? विवाद होता तो शादी की खबर की वैल्यू होती। कोई विघ्न होता तो इस खबर की वैल्यू होती। कोई खलनायक होता तो खबर की वैल्यू होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। एक महंगी शादी में कौन-सी खबर वैल्यू थी? हां! अमीरी का ऐसा अश्लील प्रदर्शन जरूर एक खबर थी, लेकिन उसकी आलोचना करने वाली एक लाइन भी आपके पास नहीं थी।
क्यों? क्या मीडिया ने सामान्य आलोचना करना तक छोड़ दिया है? क्या मीडिया सिर्फ चमक-दमक और ग्लैमर का मुरीद है? ऐसे प्रसारण को देखकर यही लगता है कि मीडिया बड़े पैसे का ही सगा है। शायद इसी कारण वह अब ‘श्लील’ और ‘अश्लील’ का फर्क भी भूल गया है। उसके पास अब कोई आलोचनात्मक भाषा नहीं बची। बची है तो सिर्फ चारणकालीन भाषा बची है। और अपनी इस आलोचनाहीनता को सही ठहराने के लिए, ‘युवा ऐसी ड्रीम वेडिंग देखना चाहते हैं’, जैसे तर्क गढ़ता रहता है।
जिनकी पिक्चरों के रोज प्रोमो किए, जिनके रोज इंटरव्यू कराए, जिनकी फिल्मों के पहले दिन की कमाई पर चैनलों ने अपनी बत्तीसी दिखाई और जो सौ करोड़-दो सौ करेाड़ कमाई करने वाले बने, आज वे ही आपके रिपोर्टरों को अपने विवाह से दूर रख रहे हैं। और आपको इस पर कोई ऐतराज नहीं हैं। हमें आपकी इसी ना-ऐतराजी पर ऐतराज है। अरे भाई! जिनका कॅरियर आपने बनाया, जिनकी फिल्मों के प्रोमो बेचकर आप धन्य हुए, वही आपको दावत देना तो दूर आपको दूर से भी झांकने तक नहीं दे रहे! औेर आपको जरा भी ऐतराज नहीं। हमें आपकी इसी ना -ऐतराजी पर ऐतराज है! यह है अपना स्वतंत्रतावादी स्वायत्त मीडिया जो अपनी अभिव्यक्ति की आजादी पर जरा भी आंच नहीं आने देता लेकिन अपनी आजादी को जब तब ‘सरेंडर’ अवश्य कर देता है। क्या ये आपको नहीं मालूम था कि कोमो लेक विला के मालिक किसी कैमरे या मोबाइल तक को अंदर नहीं आने देते? मालूम था तो क्यों गए? सच कहूं, इतना दयनीय मीडिया कभी नहीं दिखा। लगा कि इस अश्लील ग्लैमर की मूंछें देख अपने कुछ चैनलों की पूंछ ही निकल आई है!
यह है हमारे आजादी पसंद, स्वतंत्रता प्रिय स्वायत्त और सच से कम कुछ न दिखाने वाले मीडिया का चारण भाट संस्करण!
| Tweet |