चैंपियंस ट्राफी : देश में मैच की ही चर्चा

Last Updated 17 Jun 2017 04:28:38 AM IST

देश में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा का विषय कोई है तो वह इस रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाला चैंपियंस ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला है.


चैंपियंस ट्राफी : देश में मैच की ही चर्चा

लंदन के ओवल में खेले जाने वाले इस फाइनल को महा मुकाबले का नाम दिया जा रहा है. इस मुकाबले में रोमांच के साथ भरपूर तनाव रहना तय है. दोनों टीमों के खिलाड़ी आमतौर पर कहने लगे हैं कि हमारे लिए यह एक अन्य मुकाबले की तरह ही है. लेकिन इन खिलाड़ियों पर मैच के दौरान तनाव को साफतौर पर देखा जा सकता है.

भारत और पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी में यह पांचवां मुकाबला होगा और दोनों टीमें अब तक दो-दो मैच जीत चुकी हैं. भारतीय टीम ग्रुप मुकाबले में पाकिस्तान को बुरी तरह से धो चुकी है. सच यह है कि फाइनल मुकाबले में इन आंकड़ों के कोई खास मायने नहीं हैं. पाकिस्तान भारत से पहला ही मैच हारने के बाद दमदार प्रदर्शन से अपने को मजबूत दावेदार बना चुकी है. वहीं भारतीय टीम के बल्लेबाज इस तरह खेल रहे है कि सामने कोई भी गेंदबाज हो, उन्हें इसका फर्क नहीं पड़ता. लेकिन विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ जिस तरह से हारी, उससे उसकी कमजोरी तो सामने आई है.

यह सही है कि भारत ने इसके बाद शानदार प्रदर्शन से पहले दक्षिण अफ्रीका और फिर बांग्लादेश को हराकर अपनी क्षमता दिखा दी है. सही मायनों में भारत के बल्लेबाजों और पाकिस्तान के गेंदबाजों में यह मुकाबला होने जा रहा है. सेमीफाइनल मुकाबलों से पहले इंग्लैंड टीम को खिताब का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था. लेकिन पाकिस्तान के पेस और स्पिन गेंदबाजों ने जिस तरह शानदार गेंदबाजी करके इंग्लैंड के बल्लेबाजों के नकेल कसी, उसे देखकर तो लगता है कि वह भारत के लिए भी तगड़ी चुनौती बन सकती है.

इसके बाद पाकिस्तान के ओपनरों अजहर अली और फखर जमां ने शानदार प्रदर्शन से जीत की राह बना दी. पर इस सबके बावजूद पाकिस्तान की बल्लेबाजी भारतीय बल्लेबाजी के मुकाबले उन्नीस ही है. भारतीय बल्लेबाजी की सबसे बड़ी खूबी रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली सभी पूरी रंगत में हैं. यह तिकड़ी दबाव अपने से आगे बढ़ने ही नहीं देती है. भारत के पक्ष में जाने वाली एक बात यह भी है कि इस समय उसके बाद दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डेथ ओवरों के गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार हैं. भुवनेश्वर तो बहुत चतुर गेंदबाज भी हैं. वह बहुत ही होशियारी के साथ गेंद की गति में बदलाव करके बल्लेबाजों को छकाते रहते हैं. भारतीय कप्तान को बहुत ही बोल्ड फैसले लेने वाला माना जाता है.

यह बात उन्होंने पहले दो मैचों में रविचंद्रन अश्विन को नहीं खिलाकर और मोहम्मद शमी को अब तक मौका नहीं देकर साबित की है. लेकिन कई बार उनके फैसले मुश्किलें भी पैदा करते हैं. बांग्लादेश के खिलाफ भारत एक गेंदबाज कम लेकर उतरा. बांग्लादेश के शुरुआती बल्लेबाजों ने पहले हार्दिक पांडय़ा की और फिर अश्विन और जडेजा की धुलाई करके टीम में एक गेंदबाज कम होने की कमी को उजागर कर दिया. वह तो भला हो केदार जाधव का, जिसने आते ही ओपनर तमीम इकबाल का विकेट निकालकर भारतीय गेंदबाजों में जान डाल दी. इसलिए भारत हार्दिक की जगह एक नियमित गेंदबाज उमेश यादव या मोहम्मद शमी को लेकर खेले तो भारतीय अटैक ज्यादा जानदार बन सकता है.

भारतीय कप्तान विराट कोहली की कोच कुंबले से नहीं बनने की तमाम खबरें सामने आ चुकी हैं. लेकिन पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कप्तान विराट कोहली की जोड़ी खूब गुल खिला रही है. आप मैदान में अक्सर महेंद्र सिंह धोनी को फील्डरों को इधर से उधर करते हुए देख सकते हैं. वहीं धोनी विकेट के पीछे भी पूरी तन्मयता से विकेकीपिंग कर रहे हैं. विराट गेंदबाजी में बदलाव पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. टीम इंडिया की यह खूबी उसे लगातार दूसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिला सकती है. भारत खिताब जीत सका तो ऑस्ट्रेलिया की बराबरी कर सकता है. ऑस्ट्रेलिया ने 2006 और 2009 में खिताब जीते हैं. क्रिकेट अनिश्चतताओं का खेल है, इसलिए कुछ भी परिणाम निकल सकता है. पर इतना जरूर है कि रविवार को लंदन भारत-पाकिस्तानमय नजर आएगा. यही नहीं आप हजारों किलोमीटर दूर बैठकर भी तनाव महसूस करेंगे. साथ ही आपका मूड अपनी टीम की जीत हार पर निर्भर करेगा.

मनोज चतुर्वेदी
लेखक


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