भारत की सतत आर्थिक वृद्धि उसे वैश्विक स्थिरता का आधार बनाती है: नीति आयोग के वीसी
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन (वीसी) सुमन बेरी ने कहा कि भारत की सतत आर्थिक वृद्धि उसे विश्व के लिए ‘‘स्थिरता का आधार’’ बनाती है।
![]() नीति आयोग के वाइस चेयरमैन (वीसी) सुमन बेरी |
विश्व को ऐसे नए इंजन और विकास मॉडल की आवश्यकता है जिन्हें बढ़ाया एवं साझा किया जा सके और भारत ये तीनों चीजें देने के लिए तैयार है।
बेरी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सतत विकास लक्ष्यों के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच के मंत्रिस्तरीय सत्र को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि विश्व महत्वपूर्ण आर्थिक बदलावों और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है जिससे सतत विकास लक्ष्यों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामूहिक कार्य पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
बेरी ने कहा, ‘‘ दुनिया को स्थिरता के आधार, विकास के नए इंजन और ऐसे विकास मॉडल की जरूरत है जिन्हें बढ़ाया और साझा किया जा सके। भारत अपनी अनूठी ताकत एवं अनुभव के साथ ये तीनों चीजें मुहैया कराने को तैयार और इच्छुक है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की सतत आर्थिक वृद्धि उसे वैश्विक समुदाय के लिए ‘‘स्थिरता का आधार’’ बनाती है तथा यह इस बात का उदाहरण है कि क्या संभव है।
बेरी ने कहा कि इस परिवर्तनशील युग में, भारत एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में उभर रहा है जिसके सामाजिक-आर्थिक संकेतक लगातार बेहतर हो रहे हैं जो समावेशी डिजिटल प्रौद्योगिकियों, सैद्धांतिक सुधारों और समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य विकासशील या कम विकसित देशों से है।
बेरी ने कहा, ‘‘ पैमाने, गति और स्थिरता से चिह्नित भारत की विकास यात्रा अन्य विकासशील देशों के लिए एक विश्वसनीय एवं अनुकरणीय मार्ग प्रदान करती है।’’
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के मंच से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए बेरी ने कहा कि अनुमान है कि 2013-14 और 2022-23 के बीच के दशक में 24.8 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकल आए हैं।
आज भारत दुनिया में नए पेशेवर युवाओं के सबसे बड़े समूह का गढ़ है और देश यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
बेरी ने कहा, ‘‘ भारत की विकास यात्रा यह दर्शाती है कि समावेश एवं सतत विकास दोनों संभव हैं और इन्हें बड़े पैमाने पर लागू किए जा सकते हैं।’’
भारत ने विकासशील देशों में रियायती वित्त, प्रौद्योगिकी साझेदारी एवं क्षमता निर्माण सहायता प्रदान की है जिसमें सौर ऊर्जा अवसंरचना व डिजिटल प्रबंधन उपकरण शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के 80 वर्ष पूरे होने पर बेरी ने कहा कि भारत बहुपक्षवाद की आधारशिला के रूप में संयुक्त राष्ट्र में अपने विश्वास की पुष्टि करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र को समावेश एवं सतत विकास के आधार के तौर पर काम करना जारी रखना चाहिए। भारत एक अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का समर्थन करता है जो समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करे और सभी देशों को हमारे साझा भविष्य को आकार देने के लिए सशक्त बनाए।’’
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच में अपने संबोधन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मंच में ऐसे वैश्विक संघर्षों की पृष्ठभूमि में मिल रहा है, जो सतत विकास लक्ष्यों को और अधिक दूर ले जा रहे हैं।
उन्होंने धीमी होती वैश्विक अर्थव्यवस्था, बढ़ते व्यापार तनाव, बढ़ती असमानताओं तथा सैन्य खर्च में वृद्धि के साथ-साथ सहायता बजट में कमी को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
गुतारेस ने कहा, ‘‘ अविश्वास, विभाजन एवं प्रत्यक्ष संघर्ष अंतरराष्ट्रीय समस्या-समाधान प्रणाली पर गहरा दबाव डाल रहे हैं। हम इन तथ्यों को छुपा नहीं सकते लेकिन हमें इनके आगे झुकना भी नहीं चाहिए। सतत विकास लक्ष्य अब भी हमारी पहुंच में हैं...अगर हम तत्परता और महत्वाकांक्षा के साथ काम करें।’’
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