केंद्र ने गर्मी की बढ़ती मांग के बीच गैस आधारित बिजली संयंत्रों को उत्पादन शुरू करने का दिया निर्देश

Last Updated 13 Apr 2024 03:48:07 PM IST

गर्मियों के मौसम में देश में बिजली की ऊंची मांग पूरी करने के लिए केंद्र सरकार ने गैस-आधारित बिजली संयंत्रों में उत्पादन शुरू करने का फैसला किया है।


बिजली मंत्रालय ने शनिवार को कहा, “गैस-आधारित उत्पादन संयंत्रों से अधिकतम बिजली उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 11 के तहत सभी गैस-आधारित उत्पादन संयंत्रों को निर्देश जारी किए हैं। इस धारा के तहत राज्य या केंद्र सरकार निर्दिष्ट कर सकती है कि असाधारण परिस्थितियों में एक उत्पादक कंपनी किसी भी उत्पादन स्टेशन का संचालन और रखरखाव उस सरकार के निर्देशों के अनुसार करे।”

गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों (जीबीएस) की एक महत्वपूर्ण क्षमता वर्तमान में अप्रयुक्त है, मुख्यतः व्यावसायिक कारणों से। धारा 11 के तहत जारी आदेश का उद्देश्य आगामी उच्च-मांग अवधि के दौरान गैस-आधारित उत्पादन स्टेशनों से बिजली की उपलब्धता को अनुकूलित करना है।

बिजली मंत्रालय ने कहा, “यह आदेश 1 मई 2024 से 30 जून 2024 तक बिजली उत्पादन और आपूर्ति के लिए वैध रहेगा।”

बिजली मंत्रालय ने कहा कि ग्रिड-इंडिया गैस आधारित उत्पादन स्टेशनों को पहले से सूचित करेगा कि कितने दिनों के लिए गैस आधारित बिजली की आवश्यकता है।

वितरण लाइसेंसधारियों के साथ बिजली खरीद समझौते (पीपीए) रखने वाले गैस आधारित उत्पादन स्टेशन पहले पीपीए धारकों को अपनी बिजली की पेशकश करेंगे। यदि दी गई बिजली का उपयोग किसी पीपीए धारक द्वारा नहीं किया जाता है, तो इसे बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा।

गैस-आधारित उत्पादन स्टेशन जो पीपीए से बंधे नहीं हैं, उन्हें बिजली बाजार में अपना उत्पादन पेश करना होगा।

इस निर्देश के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

गैस आधारित उत्पादन स्टेशनों को चालू करने का निर्णय सरकार द्वारा उठाए गए उपायों की एक श्रृंखला का हिस्सा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्मी के मौसम में बिजली की मांग पूरी हो।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने इस पर कई बैठकें कीं, जिनमें गर्मी के मौसम के दौरान लोड को पूरा करने के लिए बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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