तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर बढ़कर 8.4 प्रतिशत हुई, पूरे वित्तवर्ष में 7.6 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान

Last Updated 29 Feb 2024 07:49:25 PM IST

वित्तवर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 8.4 प्रतिशत रही जो पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने पूरे वित्तवर्ष के लिए विकास अनुमान बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया है।


देश की आर्थिक विकास दर

एनएसओ द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में स्थिर मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 43.72 लाख करोड़ रुपये रहा। वित्तवर्ष 2022-23 की समान तिमाही में यह 40.35 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार इसमें 8.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है जो 2022-23 की पहली तिमाही के बाद सबसे ज्यादा है। इसमें विनिर्माण क्षेत्र की 11.6 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर शामिल है।

एनएसओ ने पूरे वित्त वर्ष के लिए दूसरा पूर्वानुमान भी जारी किया है। इसमें कहा गया है, "भारतीय अर्थव्यवस्था वित्तवर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद की 7.6 प्रतिशत की वृद्धिदर के साथ मजबूत रही, जो वित्त वर्ष 2022-23 की सात प्रतिशत की वृद्धि दर से अधिक है।"

इसके अनुसार कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की वृद्धि दर 10.7 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र की 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

नवीनतम अद्यतन आंकड़े आने के बाद चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही के लिए विकास दर पहले के अनुमान 7.8 प्रतिशत से संशोधित कर 8.2 प्रतिशत और दूसरी तिमाही के लिए 7.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया है।

नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी विकास गति को बरकरार रख रहा है, जिसे वैश्विक मंदी के बीच एक चमकीले सितारे के रूप में देखा जा रहा है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment