बिकवाली के बीच एफपीआई डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में बढ़ा रहा निवेश

Last Updated 12 Nov 2023 09:18:56 AM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने नवंबर में भारतीय इक्विटी बाजारों से पैसा निकालना जारी रखा, लेकिन डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश बढ़ा दिया है, जिसके चलते विदेशी फंड का शुद्ध प्रवाह 1,525 करोड़ रुपये हो गया है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों से ये बात पता चली है।


बिकवाली के बीच एफपीआई डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में बढ़ा रहा निवेश

एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय इक्विटी से 24,548 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की, जिसके चलते शेयर बाजार अस्थिर हो गया। अमेरिकी बांड यील्ड में तेज वृद्धि और इजरायल-हमास युद्ध से पैदा हुई भूराजनीतिक अनिश्चितता के कारण विदेशी फंडों का बाहर निकलना शुरू हुआ।

वहीं एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय डेट इंस्ट्रूमेंट्स में 6,382 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसे अपेक्षाकृत कम जोखिम भरा माना जाता है। यह ट्रेंड नवंबर में भी दिख रहा है। पहले 10 दिनों में एफपीआई डेट इंस्ट्रूमेंट्स में 6,053 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है।

एफपीआई निवेश को "हॉट मनी" माना जाता है क्योंकि यह अचानक बाहर निकल सकता है जिससे शेयर बाजार गिर सकता है और स्थानीय मुद्रा कमजोर हो सकती है।

भारतीय रुपया हाल में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिसका कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी है, जिससे डॉलर की मांग बढ़ी है और शेयर बाजारों से एफपीआई फंडों का अचानक बाहर निकलना है।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि हालांकि अभी भी भारतीय शेयरों से एफपीआई फंड की शुद्ध निकासी जारी है, लेकिन पिछले महीने की तुलना में इसकी गति धीमी हो गई है।

आईएएनएस
मुंबई


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