जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह राजमा, सुलाई शहद को मिला ‘जीआई’ का दर्जा

Last Updated 30 Aug 2023 01:46:47 PM IST

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के प्रसिद्ध भद्रवाह राजमा और रामबन के सुलाई शहद को भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा मिल गया है।


अधिकारियों ने कहा कि जीआई का दर्जा मिलने के बाद क्षेत्र के इन लोकप्रिय उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में मदद मिलेगी।

जम्मू के संगठनों ने पिछले साल जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों से आठ अलग-अलग पारंपरिक वस्तुओं के लिए जीआई टैग के लिए आवेदन किया था।

कृषि उत्पादन एवं कृषक कल्याण निदेशक-जम्मू के के शर्मा ने कहा, ‘‘डोडा और रामबन जिलों को आज दो भौगोलिक संकेतक मिले। एक भद्रवाह का राजमा है जिससे लाल सेम कहा जाता है। दूसरा शहद है। यह रामबन जिले का सुलाई शहद है। ये चिनाब घाटी के दो महत्वपूर्ण उत्पाद हैं।’’

उन्होंने कहा कि ये उत्पाद क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास का माध्यम हैं। जीआई के दर्जे से किसानों की आय दोगुना करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान महारानी एलिजाबेथ को जैविक सुलाई शहद उपहार में दिया था।

शर्मा ने कहा कि विभाग ने इन उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेतक की प्रक्रिया शुरू की थी। अंतत: मंगलवार को इसकी अनुमति मिल गई।

भौगोलिक संकेतक या जीआई टैग एक लेबल है जो किसी विशेष उत्पाद पर लगाया जाता है। यह किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र या मूल देश को निर्दिष्ट करता है। यह दर्जा ऐसे उत्पादों के तीसरे पक्ष द्वारा दुरुपयोग को रोकता है।

उन्होंने कहा कि जीआई का दर्जा बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का एक रूप है जो एक विशिष्ट भौगोलिक स्थान से उत्पन्न होने वाले और उस स्थान से जुड़े विशिष्ट प्रकृति, गुणवत्ता और विशेषताओं वाले सामान की पहचान करता है।

निदेशक ने कहा, ‘‘अब केवल अधिकृत उपयोगकर्ता के पास ही इन उत्पादों के संबंध में भौगोलिक संकेतक का उपयोग करने का विशेष अधिकार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति अपने भौगोलिक क्षेत्रों से परे इसकी नकल नहीं कर सकता है।’’ किसी उत्पाद को जीआई का दर्जा मिलने से उस क्षेत्र के लोगों की आर्थिक समृद्धि बढ़ती है।
 

भाषा
जम्मू


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment