वित्त वर्ष 22-23 में भारत 10 अरब डॉलर मूल्य के मोबाइल निर्यात के लिए तैयार

Last Updated 22 Mar 2023 06:47:30 PM IST

स्थानीय विनिर्माण के प्रति आकर्षक सरकारी प्रोत्साहन से उत्साहित, भारत 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में स्मार्टफोन निर्यात के उल्लेखनीय 10 अरब (82,000 करोड़ रुपये से अधिक) तक पहुंचने के लिए तैयार है। उद्योग के आंकड़ों में बुधवार को यह जानकारी दी है।




भारत 10 अरब डॉलर मूल्य के मोबाइल निर्यात के लिए तैयार

इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार, एप्पल का 'मेक इन इंडिया' स्मार्टफोन अब कुल निर्यात का 50 प्रतिशत है।

सैमसंग 40 प्रतिशत मोबाइल निर्यात के साथ दूसरे स्थान पर है जबकि अन्य स्मार्टफोन प्लेयर 10 प्रतिशत निर्यात हिस्सेदारी रखते हैं।

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं द्वारा संचालित, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में भारत से स्मार्टफोन का निर्यात दोगुना हो गया है।

आईसीईए के आंकड़ों के अनुसार, भारत वर्तमान में शीर्ष पांच वैश्विक डेस्टिनेशन्स यूएई, यूएस, नीदरलैंड, यूके और इटली को मोबाइल फोन निर्यात करता है।

आईसीईए के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने आईएएनएस को बताया, "उद्योग की दक्षता और परिपक्वता का आकलन केवल मजबूत निर्यात से किया जाता है। मोबाइल फोन नीति और आउटरीच पहलें अथक रही हैं और परिणाम हमारे सामने हैं।"

उन्होंने कहा, "मोबाइल फोन उद्योग 40 अरब डॉलर के विनिर्माण उत्पादन को पार कर जाएगा और 10 अरब डॉलर पर 25 प्रतिशत निर्यात एक शानदार प्रदर्शन है।"

इस साल की शुरुआत में रिपोर्ट सामने आई थी कि टिम कुक की अगुआई वाली एप्पल अगले 2-3 सालों में अपने कुछ चीनी मैन्युफैक्च रिंग को जल्द ही भारत और वियतनाम में शिफ्ट कर देगी।

चीन के बराबर भारत में 2027 तक एप्पल के 45-50 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन करने की संभावना है, जहां 2022 में 80-85 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन किया गया था।

डिजीटाइम्स के शोध विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक, भारत और वियतनाम चीन से स्मार्टफोन आपूर्ति श्रृंखला प्रवासन के सबसे बड़े लाभार्थी बनने वाले हैं।

भारत ने 2022 के अंत में आईफोन की कुल उत्पादन क्षमता का 10-15 प्रतिशत हिस्सा लिया।

दिसंबर के महीने में 1 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन निर्यात करने वाली एप्पल भारत की पहली स्मार्टफोन कंपनी बन गई। यह वर्तमान में देश में आईफोन 12, 13, 14 और 14 प्लस बनाती है।

महेंद्रू के अनुसार, देश अब एक अलग दिशा में बढ़ रहा है, "जो काफी हद तक निर्यात केंद्रित है और सरकार की प्रदर्शन से जुड़ी योजना (पीएलआई) को आगे बढ़ा रही है।"

सरकार मोबाइल से इतर इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए भी काम कर रही है ताकि सुनवाई योग्य और पहनने योग्य, आईटी हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक पुर्जो आदि में अपनी वैश्विक हिस्सेदारी को बढ़ाया जा सके।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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