जीएसटी परिषद में दी गई 23 राज्यों के लिए 16982 करोड़ जारी करने की मंजूरी
जीएसटी परिषद ने राज्यों के बकाए जीएसटी क्षतिपूर्ति का पूर्ण भुगतान करने के लिए 16982 करोड़ रुपए जारी करने को मंजूरी देने के साथ तरल गुड़ (राब), पेंसिल शार्पनर और कुछ ट्रैंकिंग उपकरणों पर जीएसटी को कम करने का निर्णय लिया।
![]() वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण |
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक में ये निर्णय लिये गए। सीतारमण ने बैठक में लिये गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के पूरे बकाए का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है।
इसके लिए 23 राज्यों को16982 करोड़ रुपए जारी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह जून तक के बकाए का भुगतान है। यह राशि जीएसटी क्षूतिपूर्ति का 50 प्रतिशत है और शेष 50 प्रतिशत राशि एजी रिपोर्ट मिलने के बाद जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि यह राशि अभी क्षतिपूर्ति कोष में उपलब्ध नहीं है लेकिन सरकार अपने संशाधनों से यह राशि जारी करेगी और भविष्य में यह राशि क्षतिपूर्ति अधिभार से होने वाले संग्रह से वसूल की जाएगी।
इसके साथ ही केंद्र जीएसटी कानून 2017 के तहत पांच वष्रों के लिए अस्थायी रूप से स्वीकार्य क्षतिपूर्ति अधिभार की पूरी बकाया राशि का भुगतान कर देगा। अभी छह राज्यों ने एजी रिपोर्ट सौंपी है और उनके लिए 16524 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। राब पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत और शून्य किया गया है।
डिब्बा बंद पर पांच प्रतिशत और बगैर डिब्बा बंद पर शून्य जीएसटी लगेगा। उन्होंने कहा कि पेंसिल शार्पनर पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम करके 12 प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने टैग, ट्रैकिंग उपकरण या डेटा लॉगर्स पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से कम कर शून्य कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अभी जीएसटी परिषद की बैठक में सीमेंट पर विचार नहीं किया गया है और अगली बैठक में मोटे अनाज पर विचार किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि आज की बैठक में ऑनलाइन गे¨मग पर मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर फैसला नहीं लिया जा सका क्योंकि समूमह के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनाड संगमा राज्य में चुनाव के कारण बैठक में भाग नहीं ले सके।
जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल पर सहमति
जीएसटी परिषद ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन को लेकर बने मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट को कुछ संशोधन के साथ स्वीकार कर लिया है। इसको लेकर जीएसटी कानून में आवश्यक संशोधन किया जाएगा। इस संशोधन को पहले सदस्यों की राय के लिए भेजा जाएगा। अध्यक्ष को इसको अंतिम रूप देने के लिए अधिकृत किया गया है।
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