Budget Session:संसद का बजट सत्र आज से, सीतारमण पेश करेंगी 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण (2022-23) पेश करेंगी। संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण की समाप्ति के बाद वह दस्तावेज लोकसभा में रखेंगी।
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मंगलवार को संसद के बजट सत्र का पहला दिन है।
द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने के बाद पहली बार संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। वह चालू वर्ष के लिए सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगी। संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू होगा और वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। वह बुधवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
लोक सभा के वर्तमान और भूतपूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी, जिनका निधन शीतकालीन और बजट सत्रों के बीच की अवधि के दौरान हुआ था।
जालंधर से कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिनका इस महीने की शुरुआत में निधन हो गया था।
उनके अलावा सात बार के पूर्व सांसद शरद यादव, अनुभवी तेलुगु अभिनेता और पूर्व सांसद सत्यनारायण कैकला और बसवनगौड कोलूर के लिए भी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
बीआरएस, ‘आप’ संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता के. केशव राव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार के ‘‘शासन के सभी मोर्चों पर विफलता’’ के विरोध में उनकी पार्टी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी।
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अभिभाषण का बहिष्कार करने की बात कही है।
राष्ट्रपति सत्र के पहले दिन संसद के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हैं।
राज्यसभा में भारत राष्ट्र समिति के सदन के नेता राव ने कहा कि उनकी पार्टी ‘‘शासन के सभी मोर्चों पर केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार की विफलता के विरोध में बहिष्कार कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि ‘आप’ भी बीआरएस के बहिष्कार का समर्थन करेगी।
‘आप’ के नेता एवं सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पूरे सम्मान के साथ, हम संसद के संयुक्त सत्र का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है और उसने अपने वादों को पूरा नहीं किया है।’’
राव और सिंह दोनों ने स्पष्ट किया कि वे और उनकी पार्टियां राष्ट्रपति और राष्ट्रपति के पद का सम्मान करती हैं, लेकिन केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के विरोध में अभिभाषण का बहिष्कार कर रही है।
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