लोन धोखाधड़ी मामले मे कोचर दंपती और वेणुगोपाल धूत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

Last Updated 29 Dec 2022 02:02:23 PM IST

मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर, उनके व्यवसायी पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।


कोचर, धूत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

कोचर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले शुक्रवार को गिरफ्तार किया था जबकि धूत को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।

तीनों की पूर्व की हिरासत अवधि बृहस्पतिवार को समाप्त हो रही थी। उन्हें विशेष न्यायाधीश एस एच ग्वालानी के समक्ष पेश किया गया।

सीबीआई ने तीनों की हिरासत आगे बढ़ाने की मांग नहीं की। सीबीआई का प्रतिनिधित्व विशेष सरकारी वकील ए लिमोसिन ने किया।

इसके बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को 10 जनवरी, 2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपॉवर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था।

प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपॉवर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।

भाषा
मुंबई


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