भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक: वित्त मंत्रालय

Last Updated 26 Dec 2022 06:03:06 PM IST

रूस-यूक्रेन संघर्ष, चीन में मंदी, लगातार उच्च मुद्रास्फीति और कड़ी वित्तीय स्थितियों सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह दावा किया।


वित्त मंत्रालय

आईएनएफ की वल्र्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) अक्टूबर 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, उपरोक्त कारणों से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं मंदी का सामना कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि वैश्विक उत्पादन में मंदी ने भी आईएमएफ को भारत की अर्थव्यवस्था के विकास के अनुमान को कम कर दिया था। यह कहते हुए कि घरेलू अर्थव्यवस्था को 2022 में 6.8 प्रतिशत और 2023 में 6.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया गया था।

इसके बावजूद, सरकार की राय है कि भारत की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर कई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर है।

डब्ल्यूईओ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भू-राजनीतिक कारक वैश्विक विकास पर भारी पड़ रहे हैं, खासकर उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में।

इन प्रतिकूल गतिविधि के कारण, आईएमएफ ने 2021 में वैश्विक विकास दर 6 प्रतिशत से धीमी होकर 2022 में 3.2 प्रतिशत और 2023 में 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए, विकास दर 2021 में 5.2 प्रतिशत से घटकर 2022 में 2.4 प्रतिशत और 2023 में 1.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए इसी वृद्धि को 2022 और 2023 में 3.7 प्रतिशत अनुमानित किया गया था, जो 2021 में 6.6 प्रतिशत था।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को स्थिर करने के लिए कई उपाय किए गए हैं।

केंद्रीय बजट 2021-22 में, कैपेक्स बजट में 2020-21 की तुलना में 34.5 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई थी।

14 सेक्टर्स में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का विस्तार और मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्क (मित्रा) की शुरूआत की घोषणा की गई।

घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अन्य प्रमुख सुधार भी पेश किए गए, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों का राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों का निजीकरण, बिजली वितरण क्षेत्र योजना, बीमा क्षेत्र में एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत तक करना और सीमा शुल्क का युक्तिसंगत बनाना शामिल है।

केंद्रीय बजट 2022-23 में, पिछले वर्ष की तुलना में कैपेक्स बजट में फिर से 35.4 प्रतिशत की वृद्धि की गई, सभी संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों में बुनियादी ढांचे की एकीकृत योजना और समकालिक परियोजना कार्यान्वयन के लिए 'पीएम गति शक्ति' की शुरूआत की गई और अन्य के साथ-साथ एमएसएमई को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना का विस्तार किया गया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment