अफगानिस्तान की बैंकिंग प्रणाली चरमराने के करीब पहुंची

Last Updated 28 Sep 2021 06:44:14 PM IST

अफगानिस्तान की बैंकिंग प्रणाली चरमराने के करीब है। बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस्लामिक बैंक ऑफ अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी सैयद मूसा कलीम अल-फलाही ने कहा है कि देश का वित्तीय उद्योग 'अस्तित्व के संकट' की चपेट में है और ग्राहक में घबराहट कायम है।


अफगानिस्तान की बैंकिंग प्रणाली चरमराई

फिलहाल सैयद मूसा कलीम काबुल में अराजकता के कारण दुबई में हैं। उन्होंने दुबई से बोलते हुए कहा, "इस समय बड़ी निकासी हो रही है।"

रिपोर्ट में कहा गया है, "केवल निकासी हो रही है, अधिकांश बैंक काम नहीं कर रहे हैं और पूरी सेवाएं नहीं दे रहे हैं।"

अगस्त में तालिबान के नियंत्रण में आने से पहले ही अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही अस्थिर स्थिति में थी।

लेकिन तालिबान के अधिग्रहण के बाद से, पश्चिम ने अंतरराष्ट्रीय फंड को फ्रीज कर दिया है, जिसमें अफगानिस्तान की संपत्ति विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास पहुंच सकती है।



कुल मिलाकर अंतर्राष्ट्रीय धन और विदेशी सहायता प्राप्त करना अफगानिस्तान के अस्तित्व की कुंजी है।

लेकिन अमेरिका जैसे देशों ने कहा है कि वे तालिबान के साथ काम करने पर विचार करने को तैयार हैं, मगर यह कुछ पूर्व शर्तों पर निर्भर करेगा, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों को साथ लेकर एक समावेशी सरकार का गठन और मानवाधिकार के प्रति प्रतिबद्धता शामिल है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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