5जी के ट्रायल में चीन की नो एंट्री
देश में 5जी का ट्रायल अगले महीने से शुरू होगा लेकिन इसमें चीन की कंपनियों को इजाजत नहीं होगी। ट्रायल के लिए दूरसंचार विभाग स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराएगा।
5जी के ट्रायल में चीन की नो एंट्री |
यह ट्रायल 5 से 6 माह तक चलेगा। इसके बाद स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। नीलामी में भी चीन की कंपनियों को भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। लद्दाख में चीन से तनातनी के बाद सरकार ने निर्णय लिया है की ट्रायल में भी चीन की कंपनियों को अनुमति न दी जाए।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों के अनुसार 5जी ट्रायल के लिए जिन कंपनियों को अनुमति दी गई है उनमें नोकिया, एरिक्शन एवं सैमसंग शामिल है। इन्हीं कंपनियों के डिवाइस पर 5जी सेवा का ट्रायल किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार दूरसंचार विभाग ने सरकार को सुझाव दिया है कि 5जी ट्रायल में चीनी कंपनियों को अनुमति न दी जाए। देश में 5जी सेवा आने के बाद इंटरनेट की स्पीड में और तेजी आएगी। उल्लेखनीय है कि देश में अभी 4जी सेवा काम कर रही है। इसकी शुरु आत 2012 में ब्रॉडबैंड के रूप में हुई थी। वर्ष 2014 में एयरटेल ने इसे मोबाइल सेवा में उतारा था उसके बाद अन्य कंपनियों ने भी ऐसा किया।
सूत्रों के अनुसार 5जी सेवा फुलप्रूफ हो इसके लिए दूरसंचार विभाग इस सेवा को शुरू करने से पहले 6 महीने का ट्रायल करने के पक्ष में है। माना जा रहा है सितंबर माह से इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार सरकार का यह निर्णय दूरसंचार क्षेत्र में चीन के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा और इससे उसको भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ेगा।
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