सेंसेक्स में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट, 2919 अंक टूटकर 32,778 के स्तर पर आया सूचकांक

Last Updated 13 Mar 2020 04:39:45 AM IST

कोरोना वायरस के संक्रमण से वैश्विक बाजार हलकान हैं। इसका असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी दिख रहा है। इसे वैश्विक महामारी घोषित किये जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को घरेलू शेयर बाजारों में अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट देखने को मिली।




सेंसेक्स में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट

बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स एक समय 3204.30 अंक तक गोता लगा गया था। कारेाबार की समाप्ति पर यह 2,919.26 अंक यानी 8.18 फीसद की गिरावट के साथ 32,778.14 अंक पर बंद हुआ। एनएसई के निफ्टी में भी भारी गिरावट रही। निफ्टी 868.25 अंक यानी 8.30 फीसद गिरकर 9590.15 अंक पर बंद हुआ।

यह घरेलू शेयर बाजारों की अंकों के आधार पर इतिहास की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। घरेलू शेयर बाजारों ने अंकों के आधार पर सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट का नया रिकार्ड इसी सप्ताह सोमवार को बनाया था। घरेलू शेयर बाजारों में अभी तक हालिया उच्च स्तर की तुलना में 20 फीसद से अधिक की गिरावट आ चुकी है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने इसी साल 14 जनवरी को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ था। बृहस्पतिवार को दोनों सूचकांक ढाई साल से अधिक के निचले स्तर पर बंद हुए।

शेयर बाजारों की इस भारी गिरावट से बीएसई में निवेशकों को एक ही दिन में 11.27 लाख करोड़ रुपए की चपत लग गई। बीएसई की कंपनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 125.86 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बृहस्पतिवार को आठ फीसद से अधिक की बड़ी गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स की सभी कंपनियां नुकसान में रहीं। एसबीआई को सर्वाधिक 13.23 फीसद का नुकसान हुआ। ओएनजीसी, एक्सिस बैंक, आईटीसी और टीसीएस के शेयरों में भी 10 फीसद से अधिक की गिरावट देखने को मिली।

गिरावट की मूल वजह : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को महामारी घोषित करने का वैश्विक शेयर बाजारों पर बहुत बुरा असर पड़ा। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन समेत यूरोप से आने यात्रियों के प्रवेश पर 30 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसका वित्तीय और जिंस बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है।

क्या कहते हैं विश्लेषक : बाजार के विश्लेषकों का कहना है कि कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे हैं। इससे वैश्विक आर्थिक मंदी का जोखिम गहराने लगा है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘भारतीय समेत वैश्विक बाजारों में हालिया उच्च स्तर की तुलना में 20 फीसद से अधिक की गिरावट देखने को मिली है। आर्थिक मंदी का जोखिम बढ़ रहा है और बाजार इसे पूरी तरह से भुनाता नहीं दिख रहा है। ब्रिटेन की जीडीपी में जनवरी में लगातार तीसरे महीने वृद्धि दर शून्य रही। यह 2009 के मध्य के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन है। इस साल की पहली तिमाही में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के नकारात्मक रहने की आशंकाएं हैं और यह एक फीसद की दर से सिकुड़ सकती है।’

बीएसई के सभी इंडेक्स टूटे  : बीएसई के सभी इंडेक्स लाल निशान में रहे। तेल एवं गैस समूह 9.82 फीसद गिर गया। रीयल्टी, धातु, बैंकिंग, वित्त, ऊर्जा और आईटी जैसे समूहों में भी बड़ी गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप एवं स्मालकैप इंडेक्स 8.72 फीसद तक गिरे। कारोबारियों ने कहा कि इसके साथ ही वैश्विक बाजारों में बिकवाली, कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट तथा रुपए की कमजोरी से बाजार में उथल-पुथल को बल मिला।

भाषा
मुंबई


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