उपयोग के बाद बचे खाद्य तेल से बनेगा बायोडीजल

Last Updated 19 Oct 2019 11:28:51 AM IST

स्टोरेंटों में उपयोग के बाद बचे खाद्य तेल को एकत्र कर उसे बायोडीजल में बदला जाएगा। बायोडी ने जोमाटो के सहयोग से हरियाणा के बावल स्थित अपने संयंत्र में पके हुए खाद्य तेल से 1000 मीट्रिक टन तेल प्रासेस कर बायोडीजल बनाने का लक्ष्य रखा है।


खाने के तेल की बर्बादी रोकने और खाद्य सुरक्षा व स्वास्थ्य की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल एफएसएसएआई के नियम को ध्यान में रखते हुए की गई है। दरअसल, एफएसएसएआई ने प्रतिदिन 50 लीटर से अधिक खाद्य तेल इस्तेमाल करने वाले फूड बिजनेस ऑपरेटरों के लिए खाद्य तेल के अधिकम तीन बार दुबारा प्रयोग का नियम अनिवार्य कर दिया है।

खाद्य सुरक्षा मिशन का लाभ लेने के मकसद से की गई साझेदारी के तहत जोमाटो रेस्टोरेंटों से उपयोग किया गया तेल एकत्र करेगा और बायोडी उसे बावल (हरियाणा) स्थित अपने प्लांट में बायोडीजल में बदल देगा। दोनों कंपनियों ने मार्च, 2020 तक प्रतिमाह 1000 मीट्रिक टन तेल प्रासेस करने का लक्ष्य रखा है। इससे न केवल रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण की स्थिति में भी सुधार होगा।

बायोडी एनर्जी के ग्रुप सीईओ शिवा विज ने बताया, "पिछले 3 वर्षो में हमने 10 लाख लीटर से अधिक यूसीओ एकत्र किया। इस साझेदारी से हमारे काम के शुरुआती चरण में बहुत मदद मिलेगी। हम तेल को बायोडीजल में बदलने की अपनी क्षमता (प्रतिमाह 3000 मीट्रिक टन) का अधिक उपयोग कर पाएंगे। सरकार 2030 तक स्वच्छ ईंधन लागू करने के नए अवसरों की तलाश में है। लिहाजा, बायो डीजल पर अधिक ध्यान देना लाजमी है।"

जोमाटो के रीतेश खेरा ने कहा, "हमारा उद्देश्य हर एक के भोजन की गुणवत्ता में सुधार करना है। उपयोग के बाद बचे खाद्य तेल के अन्य उपयोग के लिए एफएसएसएआई की पहल और सरकार का बायोडीजल उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य हमें अपने शक्तिशाली सप्लाई चेन का लाभ लेते हुए इस काम को बड़े स्तर पर करने का हौसला देता है।

साझेदारी के बाद जोमाटो ने दिल्ली-एनसीआर के 1000 किचेन से यूज्ड कुकिंग ऑयल एकत्र करना शुरू कर दिया है। अगले महीने यह बायोडी के साथ मिलकर 5 अन्य शहरों में इस का कार्य विस्तार करेगा।

 

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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