ई-सिगरेट, ई-हुक्का पर भी लगाई पूरी तरह रोक, भंडारण-वितरण पर पांच लाख तक का जुर्माना

Last Updated 19 Sep 2019 03:45:39 AM IST

सरकार ने इलेक्ट्रानिक यानी ई-सिगरेट और ई-हुक्का पर पूरी तरह प्रतिबंधित लगाने के लिए अध्यादेश लाने का निर्णय लिया है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

इसके तहत इन उत्पादों के विनिर्माण, आयात-निर्यात, भंडारण, परिवहन और वितरण पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। इसका उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों को बताया कि ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्यात, आयात, बिक्री, परिवहन, भंडारण और विज्ञापन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लाया जाएगा। संसद के अगले सत्र में इस संबंध में विधेयक पेश किया जाएगा।

सीतारमण ने आंकड़े देते हुए बताया कि अमेरिका में ई-सिगरेट के प्रत्यक्ष प्रभाव से सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। वहां स्कूली छात्रों में इसकी लत 77.8 फीसद की दर से बढ़ रही है। माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों में भी इसकी लत 48.5 फीसद की दर से बढ़ रही है। अमेरिका में तीन करोड़ लोग इसके आदी हो चुके हैं।

वित्त मंत्री ने ई-सिगरेट दिखाते हुए कहा कि इसमें एक बैटरी होती है जिसे चार्ज किया जाता है। इसमें रिफिल-कार्टरिज का उपयोग किया जाता है। इसकी बैटरी को लैपटाप या पावर बैंक से भी चार्ज किया जा सकता है। इसमें तंबाकू वाली सिगरेट की तरह गंध नहीं होती है।

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), टाटा मेमोरियल हास्पिटल, राजीव गांधी कैंसर अस्पताल और कई अन्य संगठनों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने यह निर्णय लिया है। हालांकि उन्होंने माना कि ई-सिगरेट से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर पुख्ता सबूत नहीं है लेकिन किसी नई चीज के लत को लगने से पहले ही उसे रोकना ज्यादा प्रभावी होता है।

सरकारी बयान में कहा गया है कि अध्यादेश लागू होने की तिथि पर  ई-सिगरेटों के मौजूदा भंडारों के मालिकों को इन्हें स्वत: घोषणा करके, निकटवर्ती पुलिस थाने में जमा कराना होगा। पुलिस उप निरीक्षक को अध्यादेश के तहत कार्रवाई करने के लिए अधिकृत अधिकारी के रूप में निर्धारित किया गया है।

16 राज्य लगा चुके हैं रोक :

ई-सिगरेट पर 16 राज्यों ने अपने क्षेत्राधिकारों में ई-सिगरेटों को प्रतिबंधित किया है। इस विषय पर हाल में जारी एक ेत-पत्र में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने भी फिलहाल उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर ई-सिगरेटों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की अनुशंसा की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सदस्य देशों से मांग की है कि इन उत्पादों को प्रतिबंधित करने सहित समुचित उपाय किए जाएं।

क्या है ई-सिगरेट :

ई-सिगरेट को इलेक्ट्रानिक निकोटीन डिलेवरी सिस्टम्स (ईएनडीएस) कहा जाता है। अभी भारत में इसका विनिर्माण नहीं होता है। देश की बड़ी सिगरेट कंपनियां भी आयात करके इसकी बिक्री कर रही हैं। इसमें एक बैटरी होती है। यह सिगरेट पेन के आकार की होती है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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