सरकार के कुप्रबंधन से देश में आर्थिक मंदी: मनमोहन
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है ज्यादा तेजी से बढ़ने की क्षमता वाली हमारी अर्थव्यवस्था मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण मंदी की चपेट आ गयी है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह |
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक स्तर पर चौतरफा कुप्रबंधन का माहौल बनाया है जिसके कारण देश आर्थिक मंदी की गहरी चपेट में आ गया है। चिंताजनक स्थिति यह है कि पिछली तिमाही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) केवल पांच प्रतिशत की दर से बढ़ा है जो इशारा करती है कि देश लंबी मंदी के दौर में हैं। सरकार को इस स्थिति से निकलने के लिए बदले की राजनीति छोड़कर बुद्धिजीवियों एवं आर्थिक विचारकों को साथ लेकर अर्थव्यवस्था को इस मानव-निर्मित संकट से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में रोजगार का सबसे बड़ा संकट पैदा हो गया है। सरकार की नीतियों के कारण भारी संख्या में नौकरियां खत्म हो गई हैं। अकेले ऑटोमोबाईल सेक्टर में 3.5 लाख लोगों को नौकरियों से निकाला गया है। असंगठित क्षेत्र में भी इसी प्रकार बड़े स्तर पर नौकरियां कम होंगी जिससे हमारी अर्थव्यवस्था में सबसे कमजोर कामगारों को रोजी-रोटी से हाथ धोना पड़ेगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर केवल 0.6 प्रतिशत है। इससे साफ है कि अर्थव्यवस्था अभी तक नोटबंदी के ग़लत फ़ैसले और जल्दबी में लागू किए गए वस्तु एवं सेवाकर(जीएसटी) के नुकसान से उबर नहीं पायी है। घरेलू मांग में काफी गिरावट है और वस्तुओं के उपयोग की दर 18 महीने में सबसे निचले स्तर पर है। नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर 15 साल के सबसे निचले स्तर पर है।
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