बैंकों की जिद से ठप हुई जेट

Last Updated 18 Apr 2019 02:52:10 AM IST

बैंकों द्वारा ऋण संकट में फंसी जेट एयरवेज बैंकों के सख्त रुख के कारण ठप हुई है। बैंकों के 400 करोड़ रुपए की आपात ऋण सहायता देने से इनकार करने के बाद कंपनी के पास परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।


बैंकों की जिद से ठप हुई जेट

बैंकों ने 25 मार्च को समाधान योजना के तहत एयरलाइन कंपनी में 1500 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की बात कही थी। हालांकि यह काम अभी तक पूरा नहीं  हुआ। संभवत: बैंकों की रुचि अपना फंसा कर्ज निकालने में ज्यादा है न कि एयरलाइन को पटरी पर लाने में। वहीं, किराए का भुगतान नहीं करने पाने की वजह से जेट एयरवेज को एक के बाद कई विमान खड़े करने पर मजबूर होना पड़ा है। मंगलवार तक उसके सिर्फ पांच विमान परिचालन में रह गए थे जिन्हें अंतत: बुधवार शाम से खड़ा करने का ऐलान कंपनी को करना पड़ा।



कर्मचारियों का दिल्ली में प्रदर्शन
 संकट में घिरी कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारी एयरलाइंस को बचाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए गुरुवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। पायलट तथा विमान रखरखाव अभियंताओं के संगठनों ने बताया दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले कंपनी के सभी कर्मचारियों से गुरुवार दोपहर दो बजे जंतर-मंतर पर एकत्रित होने का आह्वान किया है।

कानून के दायरे में मदद करेगी सरकार
संकटग्रस्त जेट एयरवेज के अपना परिचालन बुधवार मध्यरात्रि से स्थगित करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने कहा कि वह एयरलाइन की समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियामकीय ढांचे के दायरे में समर्थन करेगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि नागरिक विमानन नियामक डीजीसीए और दूसरे नियामक सावधानीपूर्वक स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। नियामक देख रहे हैं कि यात्रियों को उनका रिफंड, निरस्तीकरण और वैकल्पिक बुकिंग संबंधी सभी काम पूरी सख्ती के साथ मौजूदा नियमों के अनुरूप हों।  जेट एयरवेज ने बुधवार को घोषणा की है कि  उसका अस्थाई तौर पर उसका परिचालन बंद रहेगा।  परिचालन जारी रखने के लिए आपात ऋण उपलब्ध नहीं कराए जाने का फैसला करने के बाद कंपनी ने यह घोषणा की है।

भाषा/वार्ता
नई दिल्ली


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