संकट के लिए विमानन कंपनियां खुद जिम्मेदार

Last Updated 01 Apr 2019 04:58:26 AM IST

दक्ष परिचालन एवं वित्तीय प्रदर्शन विमानन कंपनियों का निजी दायित्व है और सरकार उनके दैनिक परिचालन में दखल नहीं दे सकती है। नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज संकट तथा घरेलू विमानन उद्योग में सुस्ती के मद्देनजर यह बात कही।


नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु (file photo)

प्रभु ने कड़ी प्रतिस्पर्धा, बढ़ती लागत, पायलटों की कमी और विमानों के खड़े किये जाने से घरेलू विमानन कंपनियों को हो रही दिक्कतों के बारे में कहा कि सरकार उद्योग जगत की परिस्थितियों को देखते हुए लगातार कदम उठा रही है। उन्होंने विमानन ईंधन पर सीमा शुल्क 14 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत करने समेत सरकार की तरफ से उठाये गये कदमों का जिक्र किया।
विमानन क्षेत्र में जेट एयरवेज को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी को विमानों को खड़ा करना पड़ा है जिससे कई उड़ानें रद्द हुई हैं। इसके अलावा पायलटों को वेतन का भुगतान करने में भी कंपनी को दिक्कतें आ रही हैं। प्रभु ने इस पृष्ठभूमि में कहा कि सभी विमानन कंपनियां बाजार विश्लेषण और वित्तीय संसाधनों के आधार पर अपनी कारोबारी योजना तैयार करती हैं।

उन्होंने कहा, अपनी कारोबारी योजना के आधार पर दक्ष परिचालन एवं वितीय प्रदर्शन प्रत्येक विमानन कंपनी और उसके शेयरधारकों का जिम्मेदारी है। हालांकि, सरकार उद्योग जगत की परिस्थितियों पर लगातार नजर रख रही है और विमानन क्षेत्र में वृद्धि के लिये विशिष्ट कदम उठा रही है।
सवालों के लिखित जवाब में प्रभु ने कहा कि विमानन उद्योग एक गतिमान क्षेत्र है जिसके लिये वैश्विक एवं घरेलू जरूरतों के अनुसार तालमेल की लगातार जरूरत होती है। उन्होंने कहा, उद्योग जगत की मदद करना हमारे प्रयासों में शामिल रहा है। हालांकि, हम विमानन कंपनियों के दैनिक परिचालन में दखल नहीं दे सकते हैं।

भाषा
नई दिल्ली


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