भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि के नए अवसरों पर आईसीआईसीआई बैंक की नजर
आईसीआईसीआई बैंक की निगाह भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अवसरों के लिए नए क्षेत्रों पर है.
![]() बैंक की प्रमुख चंदा कोचर (फाइल फोटो) |
बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर जीएसटी के वियान्वयन के बाद कई नए क्षेत्रों में अवसर बने हैं.
कोचर ने विश्व आर्थिक मंच डब्ल्यूईएफी की सालाना शिखर बैठक के मौके पर अलग से साक्षात्कार में कहा कि लघु मझोले उद्यम औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन रहे हैं. इनसे वृद्धि के बडे अवसर पैदा हुए हैं. सरकार का भी एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज पर जोर है.
कोचर ने कहा कि निपटान की प्रक्रिया आगे बढने तथा सरकार के निवेश के रफ्तार पकड़ने से निवेश का वातावरण सुधरेगा. इससे अंतत: निजी निवेश में तेजी आएगी. उन्होंने कहा
कि हम भी इसका हिस्सा बनना चाहेंगे.
आईसीआईसीआई बैंक सहित बैंकिंग क्षेत्र की गैर निष्पादित आस्तियोर्ं एनपीएी के बारे में पूछे जाने पर कोचर ने कहा कि सार्वभौमिक बैंक के रूप में हमने अर्थव्यवस्था में प्रत्येक
वृद्धि के अवसर में भागीदारी की है.
वित्तीय सेवा क्षेत्र में मौजूदगी से कारोबारी चक्रवृद्धि की प्रक्रिया का हिस्सा होता है. उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण दौर में हमने प्रौद्योगिकी में अपनी अग्रणी स्थिति को कायम रखना है. बैंक के खुदरा बही खाते की वृद्धि दर 18 प्रतिशत है.
कोचर ने कहा कि कॉरपोरेट बैंकिंग प्रक्रिया जरूर प्रभावित हुई है, लेकिन अन्य क्षेत्र ऐसे हैं जहां वृद्धि मजबूत बनी हुई है.
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